पटना/खगड़िया। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच खगड़िया में शनिवार को बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे तेजस्वी यादव की एक जनसभा रद्द होने से सियासी पारा चढ़ गया है। तेजस्वी ने प्रशासन पर भाजपा के दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए इसे “तानाशाही” करार दिया है।
खगड़िया में शनिवार को तेजस्वी यादव की कुल तीन चुनावी सभाएं निर्धारित थीं। इनमें से संसारपुर मैदान में होने वाली सभा की अनुमति जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रद्द कर दी। बाकी दो सभाएं — परबत्ता विधानसभा के भगवान हाईस्कूल मैदान और अलौली विधानसभा के उच्च विद्यालय मैदान में आयोजित की जा रही हैं।
प्रशासन की ओर से कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली के चलते सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। अमित शाह की सभा खगड़िया शहर के जीनकेटी मैदान में निर्धारित है।
सभा रद्द होने पर तेजस्वी यादव ने पटना में पत्रकारों से कहा,
“यह लोकतंत्र पर हमला है। भाजपा और प्रशासन जनता की भीड़ से डर गए हैं। लेकिन जनता अब किसी के दबाव में नहीं आने वाली।”
वहीं, राजद प्रत्याशी डॉ. चंदन यादव ने भी इस फैसले को भाजपा नेताओं के दबाव में लिया गया बताया। उन्होंने कहा कि जिस स्थल पर तेजस्वी यादव की सभा तय थी, वह अमित शाह की रैली और हेलीकॉप्टर लैंडिंग स्थल से काफी दूर था और दोनों कार्यक्रमों के बीच चार घंटे का अंतर भी था।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्णय केवल अंचल अधिकारी और थाना अध्यक्ष की अनुशंसा पर लिया गया, जो कि लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया का घोर उल्लंघन है।
डॉ. यादव ने कहा कि भाजपा-जदयू गठबंधन जनता में अपनी हार को भांप चुका है और अब प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग कर विपक्ष को रोकने की कोशिश कर रहा है।
खगड़िया में तेजस्वी की सभा रद्द होने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और यह मुद्दा अब बिहार चुनावी संग्राम में नया सियासी हथियार बन गया है।