नई दिल्ली। दिवाली से पहले रिकॉर्ड हाई पर पहुंची चांदी की कीमतों में अब बड़ी गिरावट देखी जा रही है। वैश्विक बाजारों में चांदी इस हफ्ते अब तक 6% तक लुढ़क चुकी है, जिसका असर भारतीय बाजारों में भी दिख रहा है। चांदी आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (Silver ETFs) अब प्रीमियम से डिस्काउंट पर ट्रेड करने लगे हैं।
बीते एक सप्ताह में Silver ETFs में 20% से ज्यादा की गिरावट आई है। SBI Silver ETF (SilverBees) और ICICI Prudential Silver ETF अपने रिकॉर्ड हाई से लगभग 21% नीचे ट्रेड कर रहे हैं। जब चांदी की कीमतें तेजी से बढ़ रही थीं, तब ये ETFs तगड़े प्रीमियम पर चल रहे थे, जिसके चलते कई म्यूचुअल फंड हाउस ने सिल्वर फंड ऑफ फंड्स में नए निवेश पर रोक लगा दी थी।
क्यों टूटी चांदी की कीमतें?
विशेषज्ञों के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर निवेशक अब शेयर बाजार जैसी जोखिमभरी संपत्तियों की ओर लौट रहे हैं और सराफा (Gold-Silver) जैसी सुरक्षित संपत्तियों से दूरी बना रहे हैं।
अमेरिकी डॉलर की मजबूती, अमेरिका-चीन ट्रेड वार्ता में प्रगति और हालिया तेजी के बाद मुनाफावसूली की वजह से चांदी की कीमतों पर दबाव बढ़ा है।
भारतीय बाजार में स्थिति
भारतीय बाजार में 24 अक्टूबर को MCX पर दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स की कीमत 1.8% गिरकर ₹1,45,080 प्रति किलोग्राम तक आ गई।
वहीं, मार्च 2026 डिलीवरी कॉन्ट्रैक्ट 1.47% गिरकर ₹1,47,878 प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर COMEX Silver (Dec Futures) भी 1.06% गिरकर $48.19 प्रति औंस पर पहुंच गया।
वैश्विक संकेत: राहत की उम्मीद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अगले सप्ताह होने वाली मुलाकात से बाजारों में ट्रेड टेंशन घटने की उम्मीद है।
साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित ट्रेड डील पर भी बातचीत आगे बढ़ रही है, जिससे कमोडिटी मार्केट में स्थिरता आने की संभावना है।
आगे क्या?
अब निवेशकों की नजर अमेरिकी खुदरा महंगाई और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर निर्णय पर है।
अगर दिसंबर में फेड ब्याज दरों में 0.25% की कटौती करता है, तो सोने और चांदी की कीमतों में फिर से उछाल देखने को मिल सकता है।
लेकिन अगर महंगाई बढ़ती है, तो डॉलर मजबूत होगा और कीमती धातुओं की मांग घटेगी।