पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव (राजेश रंजन) एक नए विवाद में फंस गए हैं। आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों के बाद अब आयकर विभाग ने उन्हें नोटिस भेजा है। बताया जा रहा है कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को नकद आर्थिक सहायता देने के मामले में यह कार्रवाई की गई है।
दरअसल, दो सप्ताह पहले पप्पू यादव वैशाली जिले के नयागांव पूर्वी पंचायत के मनियारी गांव पहुंचे थे, जहां बाढ़ से कई परिवारों के घर और संपत्ति गंगा नदी में बह गए थे। सांसद ने वहां प्रभावित लोगों को राहत के रूप में नकद राशि दी थी। इस दौरान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद सहदेई थाने में आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया।
इनकम टैक्स ने जारी किया नोटिस
सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग की आचार संहिता लागू होने के बीच नकद वितरण के आरोप में अब आयकर विभाग ने जांच शुरू कर दी है और इस सिलसिले में पप्पू यादव को नोटिस भेजा गया है। विभाग ने उनसे नकद सहायता और उसकी फंडिंग से जुड़ी जानकारी मांगी है।
पप्पू यादव ने कहा – गरीबों की मदद को अपराध बताया गया
पप्पू यादव ने इस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा –
“मुझे इनकम टैक्स का नोटिस मिला है। बाढ़ पीड़ितों की मदद में रुपये बांटना अगर अपराध है, तो मैं यह अपराध हर वंचित और पीड़ित के लिए बार-बार करता रहूंगा।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल बाढ़ पीड़ितों की मानवता के नाते मदद की थी, न कि किसी राजनीतिक उद्देश्य से। पप्पू यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वे मदद नहीं करते, तो क्या गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और चिराग पासवान की तरह “मूकदर्शक” बनकर बैठे रहते?
जांच जारी, चुनावी सियासत गर्माई
चुनाव के पहले पप्पू यादव को नोटिस भेजे जाने से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्ष इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” बता रहा है, जबकि प्रशासन का कहना है कि यह आचार संहिता के नियमों का पालन करने के लिए की गई नियमित कार्रवाई है।
मामले की जांच अब आयकर विभाग के पास है और आगे की कार्रवाई रिपोर्ट आने के बाद तय होगी।