बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एनडीए के पांच नेताओं पर जमकर आरोप लगाते हुए राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने विशेष रूप से डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को निशाने पर रखा और उनके खिलाफ गंभीर बयान दिए।
सम्राट चौधरी पर आरोप
प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि सम्राट चौधरी केवल सातवीं पास हैं और कांग्रेस नेता सदानंद सिंह के मर्डर केस में जेल जा चुके हैं। उनका दावा है कि वे खुद को नाबालिग बताकर जेल से बाहर आए थे। पीके ने कहा कि सम्राट चौधरी ने बिना मैट्रिक पास किए ही डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की और आरजेडी कार्यकाल में बिना विधानसभा या विधान परिषद सदस्य बने ही मंत्री बन गए थे।
उन्होंने यह भी बताया कि सम्राट चौधरी ने नाम बदलकर अपने आप को राकेश कुमार और बाद में सम्राट चौधरी कहा। वर्ष 1998 में सदानंद सिंह की हत्या में छह लोगों की जान गई थी और इस मामले में सम्राट चौधरी जेल गए थे।
अन्य नेताओं पर आरोप
सम्राट चौधरी के अलावा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और भाजपा सांसद संजय जायसवाल भी प्रशांत किशोर के निशाने पर रहे। पीके ने आरोप लगाया कि ये नेता क्राइम और करप्शन में शामिल हैं और बिहार की जनता को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए।
दस्तावेज और प्रमाण
प्रशांत किशोर ने बताया कि 2010 में दिए गए हलफनामे के अनुसार सम्राट चौधरी ने खुद को सातवीं पास बताया था। इसके पहले मैट्रिक परीक्षा में वे फेल हो चुके थे। सुप्रीम कोर्ट में जमा दस्तावेजों के अनुसार, उनका असली नाम सम्राट कुमार मौर्य था।
राजनीतिक हलचल
पीके का बयान राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी पहले आरजेडी में गुंडागर्दी करते थे और अब भाजपा में आकर भी लूटमार कर रहे हैं।
इस बयान के बाद बिहार की सियासत में एनडीए और जदयू के अंदरुनी विवाद और जनता के बीच बहस बढ़ सकती है, क्योंकि प्रशांत किशोर ने पांच प्रमुख नेताओं को सीधे निशाने पर लिया है।