अयोध्या, उत्तर प्रदेश — आज का दिन इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज हो गया है। श्रीराम की नगरी अयोध्या ने ‘दीपोत्सव-2025’ के अवसर पर 26 लाख 17 हजार 215 दीपों को एक साथ प्रज्वलित कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। पूरी अयोध्या राममय आलोक में नहाई दिखाई दी — सरयू तट से लेकर रामलला मंदिर परिसर तक हर दिशा में सिर्फ भक्ति और रोशनी की झिलमिल थी।
यह भव्य आयोजन श्रद्धा, साधना और संकल्प का जीवंत प्रतीक बन गया। 2,128 वेदाचार्यों, अर्चकों और साधकों ने एक साथ माँ सरयू की आरती कर धार्मिक आस्था का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी सामूहिक साधना ने वातावरण को मंत्रमुग्ध कर दिया और उपस्थित लाखों श्रद्धालुओं की आंखों में भक्ति के आंसू छलक उठे।
पूरे आयोजन में पूज्य संतों, धर्माचार्यों और लाखों रामभक्तों की सक्रिय भागीदारी रही। जैसे ही दीपों की लौ प्रज्वलित हुई, सम्पूर्ण अयोध्या “जय श्रीराम” के उद्घोष से गूंज उठी। सरयू तट पर दीपों का सागर मानो रामराज्य की झलक पेश कर रहा था।
मुख्यमंत्री, धार्मिक गणमान्य व्यक्ति और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में यह आयोजन अत्यंत अनुशासित और भव्य रूप में सम्पन्न हुआ। यह दीपोत्सव न केवल अयोध्या की धार्मिक पहचान को नई ऊंचाई देता है, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत को भी विश्व पटल पर उजागर करता है।
आज अयोध्या की ये ज्योति केवल दीपों की रोशनी नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का आलोक बन चुकी है — एक संदेश लेकर कि धर्म, संस्कृति और एकता की यह ज्योति सदैव प्रज्वलित रहेगी।
अंत में जब सम्पूर्ण अयोध्या “जय जय सियाराम!” के गगनभेदी नारों से गूंजी, तो लगा मानो स्वयं प्रभु श्रीराम ने अपने भक्तों को आशीर्वाद देने धरती पर अवतार लिया हो।