कानपुर में आवारा कुत्तों का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला श्याम नगर के रामपुरम फेस-वन का है, जहां सोमवार शाम आवारा कुत्तों ने बीबीए की छात्रा पर जानलेवा हमला कर दिया। छात्रा वैष्णवी साहू (21) को कुत्तों ने चेहरे और शरीर पर बुरी तरह नोच डाला। घायल अवस्था में उसे कांशीराम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसके चेहरे पर करीब 17 टांके लगाए।
कैसे हुआ हमला
जानकारी के मुताबिक, वैष्णवी कॉलेज से घर लौट रही थी। मुधवन पार्क के पास अचानक बंदरों और कुत्तों में झगड़ा हो गया। तभी तीन आवारा कुत्तों ने वैष्णवी पर हमला कर दिया। बचने के लिए वह भागी, लेकिन कुत्ते उसे दौड़ाकर सड़क पर गिरा लाए और चेहरे, जबड़े व नाक पर काट लिया। छात्रा की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग डंडे लेकर दौड़े और किसी तरह कुत्तों को भगाया
हर गली में 20-25 कुत्ते, लोगों में दहशत
स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर की लगभग हर गली में 20-25 आवारा कुत्ते मौजूद हैं। अनुमान है कि कानपुर में सवा लाख से ज्यादा कुत्ते हैं, जिनका आतंक बच्चों से लेकर बड़ों तक को डरा रहा है। लोगों का कहना है कि यह समस्या अब सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रही, बल्कि कानपुर समेत हर शहर में लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बन गई है।
चिंताजनक आंकड़े
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उर्सला अस्पताल में हर साल करीब 3 करोड़ रुपये एंटी रेबीज इंजेक्शन पर खर्च हो रहे हैं।
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बीते दो सालों में कुत्तों के हमले दोगुने हो चुके हैं।
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022-23 में 45,027 लोग कुत्तों के शिकार बने, जिनमें से 17,810 पर चेहरे और गले के पास हमला हुआ।
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चालू वर्ष 2025-26 में सिर्फ छह महीनों में ही 23 हजार से ज्यादा लोग कुत्तों के काटने का शिकार हो चुके हैं।
प्रशासन से समाधान की मांग
स्थानीय लोग और समाजसेवी संगठनों का कहना है कि अब यह छोटी समस्या नहीं रह गई। सांसद, विधायक, मेयर और प्रशासन को मिलकर जल्द ही ठोस कदम उठाने होंगे। सवाल यह है कि अगर वैष्णवी की जगह कोई छोटा बच्चा होता तो क्या उसकी जान बच पाती?