मुंबई, 3 नवंबर:
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाज़ार सोमवार को हल्की बढ़त के साथ बंद हुए। शुरुआती उतार-चढ़ाव के बाद निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। बीएसई सेंसेक्स 83,956.75 पर और निफ्टी 50 25,747 के स्तर के आसपास — यानी लगभग 0.1% की मामूली बढ़त दर्ज की।
सेक्टरवार रुझान
कारोबार के दौरान निजी बैंकिंग और FMCG शेयरों में कमजोरी देखने को मिली, जिससे बाज़ार की रफ्तार धीमी रही। हालांकि, सरकारी बैंकों (PSU Banks) ने शानदार प्रदर्शन किया और सूचकांकों को गिरावट से संभाला।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी बैंकों में ऋण वृद्धि और मजबूत तिमाही नतीजों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।
विदेशी निवेशकों की वापसी
बाज़ार के लिए एक सकारात्मक संकेत यह रहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) अक्टूबर महीने में फिर से शुद्ध खरीदार बने। लगातार तीन महीने की बिकवाली के बाद, एफपीआई ने भारतीय इक्विटी मार्केट में करीब ₹14,610 करोड़ का निवेश किया है। यह विदेशी निवेशकों के भरोसे में सुधार का संकेत है।
वैश्विक संकेत मिले-जुले
एशियाई और यूरोपीय बाज़ारों में मिले-जुले रुझान देखने को मिले। निवेशक वैश्विक आर्थिक संकेतों और अमेरिका के आगामी आर्थिक आंकड़ों का इंतज़ार कर रहे हैं। इसका असर भारतीय बाज़ार की चाल पर भी दिखा और कारोबार के दौरान निवेशकों ने सीमित दांव लगाए।
आगे का रुख
विश्लेषकों का मानना है कि बाज़ार फिलहाल कंसोलिडेशन फेज़ में है और निकट भविष्य में रेंज-बाउंड रह सकता है। आने वाले दिनों में तिमाही नतीजे, कच्चे तेल की कीमतें और अमेरिकी फेड की टिप्पणियाँ बाज़ार की दिशा तय कर सकती हैं।
लंबी अवधि में, विदेशी निवेश की स्थिरता और घरेलू आर्थिक संकेतक बाज़ार को मजबूती दे सकते हैं।
“अक्टूबर की मज़बूत रैली के बाद अब बाज़ार में सेक्टर रोटेशन देखने को मिल रहा है। निकट भविष्य में PSU बैंक और ऊर्जा क्षेत्र बाज़ार की गति तय कर सकते हैं,” एक मुंबई-स्थित फंड मैनेजर ने कहा।