लखनऊ में ढाई साल की बच्ची से दरिंदगी के आरोपी दीपक वर्मा (24) को पुलिस ने शुक्रवार तड़के एनकाउंटर में ढेर कर दिया। गुरुवार रात आलमबाग मेट्रो स्टेशन के पास मासूम को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को पुलिस ने देवीखेड़ा क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। वारदात और एनकाउंटर के बीच महज 24 घंटे का फासला रहा।
CCTV फुटेज में कैद हुआ अपराध
सीसीटीवी वीडियो में आरोपी बच्ची को गोद में उठाकर मेट्रो स्टेशन के लिफ्ट की ओर ले जाता दिखा। वहां वह मासूम के साथ हैवानियत करता है और फिर उसे मरा समझकर छोड़कर भाग जाता है। वीडियो के आधार पर पुलिस ने उसकी पहचान की और तत्काल गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कीं।
एनकाउंटर का पूरा घटनाक्रम
DCP सेंट्रल आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक, आरोपी दीपक वर्मा को गन्ना संस्थान के पास देवीखेड़ा में घेरा गया। पुलिस को देखते ही उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में उसके सीने में दो गोलियां लगीं। घायल हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
वारदात कैसे हुई?
5 जून की रात करीब ढाई बजे आलमबाग मेट्रो स्टेशन के पास फुटपाथ पर माता-पिता के साथ सो रही बच्ची को आरोपी ने अगवा कर लिफ्ट के पास ले जाकर दुष्कर्म किया। वारदात को अंजाम देकर वह मौके से फरार हो गया। बच्ची बेहोश मिली, उसे गंभीर हालत में केजीएमयू में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची के प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोटें हैं और उसकी सर्जरी की जा रही है।
आरोपी की पहचान और ट्रैकिंग
पुलिस ने मेट्रो स्टेशन के CCTV में दिखाई दे रही सफेद एक्टिवा स्कूटी की मदद से आरोपी की पहचान की। आरोपी डूडा कॉलोनी, ऐशबाग का रहने वाला था और ट्रेनों में पानी बेचने व धार्मिक आयोजनों में झांकी सजाने का काम करता था।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
घटना स्थल आलमबाग मेट्रो स्टेशन के पास है, जहां से कुछ ही दूरी पर पुलिस पिंक बूथ और तीन चौकियां मौजूद हैं। इसके बावजूद इस संवेदनशील स्थान पर इतनी भयावह घटना होना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
फास्ट ट्रैक जस्टिस की मांग
घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। मासूम की हालत नाजुक बनी हुई है। लोगों की मांग है कि ऐसे मामलों में न्याय जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाए और पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद दी जाए।