गोरखपुर, 21 जून 2025:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कहा कि योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य का माध्यम नहीं, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक उत्थान का भी पथ है। गोरखपुर में आयोजित मुख्य समारोह में हिस्सा लेते हुए उन्होंने योग को भारत की ऋषि परंपरा की अमूल्य देन बताया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, "योग एक मंत्र है, जो स्वस्थ शरीर के साथ-साथ स्वस्थ मन भी प्रदान करता है। धर्म, कर्म और मोक्ष की प्राप्ति भी तभी संभव है जब शरीर पूर्ण रूप से स्वस्थ हो।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने योग को लोक कल्याण का माध्यम बनाकर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है।
गोरखपुर में हुआ भव्य आयोजन
गोरखपुर स्थित महंत दिग्विजय नाथ स्मृति भवन सभागार में आयोजित सामूहिक योग अभ्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वयं भाग लिया और योग सत्र का नेतृत्व किया।
इस वर्ष की अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" (Yoga for One Earth, One Health) थी। इस थीम के अनुरूप, पूरे प्रदेश में सुबह 6 बजे से विशेष योग सत्रों का आयोजन किया गया, जिनमें बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया।
लखनऊ में भी राजभवन में कार्यक्रम
राजधानी लखनऊ के राजभवन में भी भव्य योग कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भाग लिया। योग दिवस पर प्रदेश के सभी जिलों, नगर निकायों, स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थलों पर विशेष योग सत्र आयोजित किए गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वक्तव्य के प्रमुख अंश:
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“योग भारत की ऋषि परंपरा का अमूल्य उपहार है, जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तीनों स्तरों पर स्वास्थ्य प्रदान करता है।”
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“कोई भी धर्म या साधना तभी सार्थक है जब व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ हो।”
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“भारत ने योग को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई और इसे विश्व कल्याण से जोड़ा।”
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“योग न केवल भारतीय संस्कृति की पहचान है, बल्कि यह आधुनिक जीवन की चुनौतियों का समाधान भी है।”