आगरा: आठ महीने के बच्चे को गोद में लेकर रात में धरने पर बैठीं दो शिक्षिकाओं के मामले में शिक्षा विभाग एक्शन में आ गया है। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) ऐश्वर्या लक्ष्मी ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए शिक्षिकाओं का वेतन जारी करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अग्रिम आदेशों तक शिक्षकों का वेतन रोकना नियमविरुद्ध है।
घटना सोमवार की है, जब प्राथमिक विद्यालय बड़ापुरा की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका सुधा उपाध्याय और पूर्व माध्यमिक विद्यालय पडुआपुरा कंपोजिट की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका रामधारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से मिलने पहुंचीं। शिकायतों पर सुनवाई न होने से नाराज़ होकर दोनों शिक्षिकाएं धरने पर बैठ गईं।
धरने के दौरान सुधा उपाध्याय ने अपने आठ महीने के शिशु को गोद में लेकर प्रदर्शन किया, जिसने मामला सुर्खियों में ला दिया। राष्ट्रवादी शिक्षक महासंघ के जिलाध्यक्ष कीर्तिपाल सिंह टाइगर मौके पर पहुंचे और आंदोलन की चेतावनी दी। रात करीब 10:30 बजे बीएसए ने फोन पर वेतन जारी करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद शिक्षिकाएं धरने से उठीं।
अगले दिन ‘हिन्दुस्तान’ में खबर प्रकाशित होने के बाद एडी बेसिक ऐश्वर्या लक्ष्मी ने तत्काल संज्ञान लिया और अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने लेखाधिकारी को तुरंत सुधा उपाध्याय का वेतन जारी करने के निर्देश दिए। वहीं, रामधारा का पत्र अभी प्रक्रिया में है।
एडी बेसिक ने सभी अधीनस्थ अधिकारियों को चेतावनी दी कि आगरा में वेतन रोकने की प्रथा पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा, “शासन के स्तर पर केवल ‘नो वर्क, नो पे’ का प्रावधान है, जिसमें केवल अनुपस्थित दिवस का वेतन काटा जा सकता है। बिना आदेश वेतन रोकना अनुचित है।”
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अब तक रुके हुए सभी शिक्षकों के वेतन मामलों का तत्काल निस्तारण किया जाए।