वाराणसी, 29 अगस्त: वाराणसी में गंगा का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। बुधवार को कुछ घंटों तक स्थिर रहने के बाद गुरुवार से गंगा में आधा सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी शुरू हुई थी, जो शुक्रवार को बढ़कर एक सेमी प्रति घंटा हो गई। दोपहर 2 बजे तक गंगा का जलस्तर 70.97 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान (71.262 मीटर) से केवल 30 सेंटीमीटर दूर है।
निचले इलाकों में जलभराव
गंगा और वरुणा के प्रलयंकारी प्रवाह से तटवर्ती इलाकों में अफरातफरी मची है। शैलपुत्री, कोनिया, दानियालपुर, नक्खीघाट, पुलकोहना, पुराना पुल और बड़ी तकिया सहित 200 से अधिक मकान पानी से घिर चुके हैं। सरैयां, ढेलवरिया, हुकुलगंज और सलारपुर में भी स्थिति गंभीर है। कई परिवार सुरक्षित जगहों या राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं।
घाट और मंदिर क्षेत्र प्रभावित
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अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर की गली में 4 फीट पानी भर गया है, जिससे आवाजाही बंद हो गई।
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रामेश्वर मठ का एक तल डूब चुका है, छात्र ऊपरी मंजिल पर शरण ले रहे हैं।
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हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट पर शवदाह कार्य में कठिनाई हो रही है।
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दशाश्वमेध घाट पर पुलिस बैरिकेडिंग कर भीड़ को रोके हुए है।
प्रशासन और राहत कार्य
एनडीआरएफ, पीएसी और जलपुलिस की टीमें मोटरबोट से लगातार गश्त कर रही हैं और लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रही हैं। प्रभावित लोगों को राहत शिविरों तक पहुंचाने का काम भी जारी है। आपदा मित्रों की टीम ने कई परिवारों को सरैयां और सलारपुर राहत शिविरों तक पहुंचाया।
रेल संचालन प्रभावित
गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण मालवीय पुल पर ट्रेनों की रफ्तार घटाकर 10 किमी प्रति घंटा कर दी गई है। पहले यहां 30 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेनें चलाई जा रही थीं।