उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आई आपदा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार मौके पर डटे हुए हैं। आंध्र प्रदेश का दौरा रद्द कर वे बुधवार को सीधे धराली और हर्षिल पहुंचे, जहां उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनका दर्द साझा किया। गुरुवार को सीएम पौड़ी पहुंचे, जहां आपदा पीड़ित महिलाओं को गले लगाकर ढांढस बंधाते हुए उन्होंने कहा – “दीदी रोना नहीं, आपका भाई हमेशा आपके साथ है।”
सीएम धामी पिछले 48 घंटे से पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। दिन में प्रभावितों से मुलाकात, सेना के जवानों का उत्साहवर्धन और रात में अफसरों के साथ बैठक—इस पूरी प्रक्रिया में वह लगातार सक्रिय हैं। उनके ग्राउंड पर मौजूद रहने से सरकारी मशीनरी हाई अलर्ट मोड में है। नतीजतन, जिस भटवाड़ी-गंगनानी मार्ग को खोलने में हफ्ता लगने का अनुमान था, वह गुरुवार शाम तक छोटे वाहनों के लिए शुरू हो गया।
यह पहली बार नहीं है जब सीएम धामी ने संकट के समय कमान संभाली हो। सिलक्यारा टनल हादसे में भी वे 17 दिन तक मौके पर डटे रहे थे और सभी 41 श्रमिकों के सुरक्षित बाहर आने तक वहीं रहे। केदारनाथ में अतिवृष्टि के दौरान भी उन्होंने तत्काल बचाव कार्य शुरू कराकर 15 हजार यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था।
मुख्यमंत्री ने इस बार भी एक माह का वेतन आपदा राहत कार्यों के लिए देने की घोषणा की है और जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व आम नागरिकों से सहयोग की अपील की है। उनकी त्वरित निर्णय क्षमता और नेतृत्व शैली की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी कर चुके हैं।
उत्तरकाशी की कठिन परिस्थितियों में सीएम धामी की यह सक्रियता एक बार फिर दिखा रही है कि संकट की घड़ी में वह केवल आदेश नहीं, बल्कि स्वयं मोर्चे पर खड़े होकर नेतृत्व करते हैं।