आगरा के अर्जुन नगर में स्थित एक वेज बिरयानी की दुकान पर काम करने वाला युवक साइबर ठगी गैंग का हिस्सा बन गया। पुलिस के अनुसार, उसके बैंक खाते में पांच राज्यों से साइबर ठगी के जरिए हासिल किए गए ढाई करोड़ रुपये से अधिक जमा हुए। फिलहाल गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तीन फरार हैं।
कैसे हुआ खुलासा
मामला तब सामने आया जब आरोपित हैदर के साले ने साइबर सेल को सूचना दी। उसने बताया कि दुकान पर काम करते समय हैदर की मुलाकात तीन युवकों — हनी, मनी और अमन — से हुई, जो अक्सर बिरयानी खाने आते थे। ये युवक महंगे मोबाइल और ब्रांडेड कपड़े पहनते थे। उन्होंने हैदर को साइबर ठगी के धंधे में शामिल होने का लालच दिया, जिसमें उसके बैंक खाते का इस्तेमाल कर रकम ट्रांसफर की जाती थी और बदले में कमीशन मिलता था।
हैदर ने दुकान की नौकरी छोड़ दी और इन युवकों के साथ रहने लगा। कुछ समय बाद उसके साले के पास तीनों युवक आए और धमकी दी कि हैदर उनके रुपये लेकर भाग गया है। डर के मारे साले ने पुलिस को जानकारी दी।
ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर ठगी
डीसीपी सिटी सोनम कुमार के मुताबिक, साइबर गैंग टेलीग्राम ग्रुप के जरिए लोगों को जोड़कर ऑनलाइन ट्रेडिंग में बड़े मुनाफे का झांसा देता था। पीड़ितों से भारी रकम हड़पने के बाद यह रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की जाती थी। हैदर के खाते में केरल, दिल्ली, गुरुग्राम, बेंगलुरु, नॉर्थ मुंबई और हैदराबाद से ठगी के पैसे आए थे।
गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने हैदर और अब्दुल कादिर को गिरफ्तार किया है। उनके पास से एक लैपटॉप और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए। हैदर के खाते में वर्तमान में सिर्फ 40 हजार रुपये बचे हैं। उसने पुलिस को बताया कि उसे केवल कमीशन मिलता था, जबकि असली मास्टरमाइंड अमन, हनी और मनी हैं, जिनकी तलाश जारी है।