लखनऊ | 14 अगस्त 2025
उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘विकसित भारत, विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ विजन डॉक्यूमेंट के तहत शिक्षा, महिला कल्याण और ग्रामीण विकास के लिए बड़े ऐलान किए हैं। विधानसभा में तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने घोषणा की कि प्रदेश के हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
फीस और शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर
आशीष पटेल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों पर फीस का अधिक बोझ न पड़े, इसके लिए सीट के आधार पर फीस तय की जाएगी। इंजीनियरिंग कॉलेजों में AI आधारित शिक्षा लागू होगी और विदेशी संस्थानों के साथ बेहतर शिक्षा के लिए साझेदारी की जाएगी।
डिप्लोमा कोर्स उद्योगों की मांग के अनुसार अपडेट किए जाएंगे और छात्रों के लिए इंडस्ट्रियल विजिट अनिवार्य होगा। प्रदेश के 45 संस्थानों को ‘सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ बनाया जाएगा, जिसके लिए टाटा टेक्नोलॉजी से बातचीत चल रही है। साथ ही, तकनीकी संस्थानों के लिए स्टेट रैंकिंग फ्रेमवर्क भी तैयार होगा।
किशोरियों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना
महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि प्रदेश में 16 से 18 साल की लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। बाल विवाह प्रथा को पूरी तरह समाप्त करने और छह साल तक के बच्चों को पोषणयुक्त आहार देकर कुपोषण मुक्त करने का लक्ष्य है।
गांवों में पक्की सड़कें और कचरा प्रबंधन
पंचायती राज एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सभी गांवों में पक्की सड़कें और 100% कचरा प्रबंधन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश का माहौल बनाकर स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार सभी अल्पसंख्यकों के विकास के लिए काम कर रही है, न कि केवल एक वर्ग के लिए।