मुरादाबाद, 12 अगस्त 2025 – अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आयातित उत्पादों पर 50% से अधिक टैरिफ लगाने के फैसले का असर अब उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के निर्यात उद्योग पर साफ दिखाई देने लगा है।
शहर की करीब 200 बड़ी निर्यात फर्मों में कामकाज ठप होने जैसी स्थिति बन गई है, क्योंकि यहां तैयार होने वाले माल का 90% से अधिक निर्यात अमेरिका को होता है। नए टैरिफ नियमों के तहत मुरादाबाद उत्पादों पर 54.5% टैक्स लगने से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
निर्यातकों के मुताबिक, अमेरिका से मिलने वाले करीब 30 अरब रुपये के ऑर्डर फिलहाल अटके हुए हैं। अमेरिकी खरीदारों ने नए ऑर्डर देना पूरी तरह रोक दिया है, जबकि पुराने ऑर्डरों में भी सिर्फ वही माल शिप कराने की अनुमति दी जा रही है जो पूरी तरह तैयार है—वह भी छोटे कंसाइनमेंट में।
स्थिति इतनी गंभीर है कि कई फर्मों में कामगारों की छंटनी तेज हो गई है। उत्पादन घटने से कंपनियों के लिए बैंक से लिया जाने वाला पैकिंग क्रेडिट चुकाना भी मुश्किल हो सकता है।
व्यापारियों की मांग
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विकास अग्रवाल, सेक्रेट्री, SEZ एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन: "मुरादाबाद की कई बड़ी निर्यात फर्में गंभीर संकट में हैं। पैकिंग क्रेडिट न चुका पाने का खतरा बढ़ गया है।"
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विशाल अग्रवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, यंग एंटरप्रेन्योर सोसाइटी: "निर्यात उद्योग बड़े पैमाने पर रोजगार देता है। अगर सरकार 2,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दे, तो इंडस्ट्री ट्रंप टैरिफ के झटके से उबर सकती है।"
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तुरंत राहत नहीं दी गई तो मुरादाबाद का निर्यात उद्योग लंबे समय तक संकट से उबर नहीं पाएगा।