नोएडा, 12 अगस्त 2025 – नोएडा सेक्टर-70 में फर्जी पुलिस ऑफिस खोलने वाला गिरोह पश्चिम बंगाल में भी सक्रिय था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि गिरोह ने बीरभूम जिले में भी फर्जी पुलिस ऑफिस और ट्रस्ट बनाकर लोगों से ठगी की थी।
गिरोह के सरगना बिभाष चंद्र अधिकारी और उसका बेटा अराग्य अधिकारी इस ठगी के मुख्य आरोपी हैं। बिभाष स्नातक (बीए) है, जबकि अराग्य बीए-एलएलबी पास है। पांच साल पहले अराग्य ने बीरभूम में इंटरनेशनल ब्यूरो ऑफ सोशल इंवेस्टिगेशन एंड सोशल जस्टिस नाम से एक ट्रस्ट बनाया था और खुद को राष्ट्रीय महासचिव घोषित किया था। संगठन की वेबसाइट के जरिए लोगों को भर्ती और मदद के नाम पर फंसाया जा रहा था।
गोरखपुर कनेक्शन और नोएडा में ऑफिस
पुलिस के मुताबिक, गिरोह की मुलाकात गोरखपुर निवासी सुनील कुमार से हुई, जिसने उन्हें बताया कि गौतमबुद्धनगर में जमीन विवाद और रिटायर्ड अफसरों की मौजूदगी के चलते लोग आसानी से झांसे में आ सकते हैं। इसी के बाद नोएडा में ऑफिस खोलकर ठगी का जाल फैलाया गया। फिलहाल सुनील फरार है और पुलिस उसकी तलाश में है।
राजनीतिक और आपराधिक पृष्ठभूमि
बिभाष पूर्व में तृणमूल कांग्रेस का बीरभूम के नलहाटी से ब्लॉक अध्यक्ष रह चुका है। वह बीएड और डीएलएड कॉलेज भी चलाता है और ठाकुर अनुकूल चंद्र सत्संग मिशन साधनपीठ ट्रस्ट का अध्यक्ष है। वर्ष 2016 के शिक्षक भर्ती घोटाले में उस पर बिचौलिया होने का आरोप लगा था और 2023 में सीबीआई व ईडी ने उसके ठिकानों पर छापेमारी की थी।
भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़ा
गिरोह ने एलएलबी पास कानून के जानकारों की भर्ती के लिए वेबसाइट पर नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसकी अंतिम तिथि 30 अगस्त तय की गई थी। वेबसाइट पर दावा किया गया कि संगठन का गठबंधन एशियन इंटरपोल और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (यूएसए) से है। उद्देश्य के तौर पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अपराधों, साइबर खतरों और भ्रष्टाचार से निपटने का दावा किया गया।
सदस्यता शुल्क से कमाई
पुलिस के अनुसार, एनबीएसआईएसजे नामक वेबसाइट के जरिए विभिन्न प्रकार की सदस्यता (साधारण, कार्यकारी, आजीवन और संस्थापक) की पेशकश की जाती थी। शुल्क एक हजार रुपये से एक लाख रुपये तक तय था। वेबसाइट पर रिटायर्ड जज, आईएएस, आईपीएस और वकीलों की फर्जी प्रोफाइल डालकर लोगों का विश्वास जीतने की कोशिश की जाती थी।
नोएडा पुलिस की कार्रवाई के बाद बीरभूम पुलिस ने भी इस फर्जी ट्रस्ट का ऑफिस सील कर दिया है। मामले की जांच जारी है।