रांची। झारखंड आंदोलन के प्रणेता और दिशोम गुरू शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग अब आधिकारिक रूप से विधानसभा तक पहुंच गई है। मानसून सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को झारखंड विधानसभा में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।
समाज कल्याण मंत्री दीपक बिरुआ ने सदन में प्रस्ताव रखते हुए कहा कि शिबू सोरेन ने झारखंड आंदोलन और राज्य की पहचान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनके संघर्ष से ही राज्य को अलग पहचान और नया अस्तित्व मिला। मंत्री ने कहा कि 4 अगस्त को उनके निधन के बाद यह मांग और भी प्रबल हो गई है। उन्होंने संकल्प लिया कि यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि शिबू सोरेन के साथ-साथ झारखंड आंदोलन की नींव रखने वाले मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा और विनोद बिहारी महतो का नाम भी शामिल किया जाना चाहिए। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने सुझाव दिया कि प्रस्ताव में यह उल्लेख किया जाए कि आज़ादी की लड़ाई और राष्ट्र निर्माण में आदिवासी समाज का बड़ा योगदान रहा है, लेकिन आज तक किसी आदिवासी आंदोलनकारी या राजनीतिज्ञ को भारत रत्न नहीं मिला।
विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने सदन के समक्ष यह प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
गौरतलब है कि झारखंड आंदोलन के पुरोधा रहे शिबू सोरेन का लंबी बीमारी के बाद 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद पार्थिव शरीर को झारखंड लाकर पैतृक गांव नेमरा में अंतिम संस्कार किया गया। तभी से उन्हें भारत रत्न देने की मांग लगातार तेज हो रही थी, जिस पर अब विधानसभा की मुहर लग गई है।