पटना। बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर आखिरकार राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी दावा और आपत्ति दर्ज कराई है। तेजस्वी यादव की अपील के तीसरे दिन पार्टी की ओर से तीन आवेदन दाखिल किए गए, जिसके साथ ही आरजेडी का खाता खुल गया है।
चुनाव आयोग के अनुसार गुरुवार सुबह 10 बजे तक कुल 82 दावा और आपत्तियां मिली हैं। इनमें से 79 आवेदन वामपंथी दल सीपीआई-एमएल की ओर से और 3 आवेदन आरजेडी के हैं। अब तक कांग्रेस, सीपीएम, एनडीए के सहयोगी जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी-आर की ओर से कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं की गई है।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार, बीएलए पर सवाल
पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को फटकार लगाई थी कि उनके बूथ लेवल एजेंट (BLA) प्रभावित वोटरों की मदद क्यों नहीं कर रहे हैं। इस बीच, सीपीआई-एमएल अब तक 79 मामलों के साथ सबसे आगे है, जिसमें बुधवार को ही 26 मामले दर्ज हुए।
तेजस्वी यादव की अपील और देरी
राजद नेता और विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने 25 अगस्त को वीडियो संदेश जारी कर नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि वे ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में कटे हुए नाम जुड़वाने और नए वोटर जोड़ने के काम में तेजी लाएं। हालांकि 25 अगस्त से 27 अगस्त की सुबह तक आरजेडी के किसी भी बीएलए ने दावा या आपत्ति नहीं दी थी।
65 लाख नाम कटे, 1 सितंबर तक मौका
बिहार में 1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में करीब 65 लाख नाम काटे गए हैं। इनमें वे लोग शामिल हैं जिनका निधन हो चुका है, जो घर पर उपलब्ध नहीं मिले, बाहर चले गए या एक से अधिक बूथ पर पंजीकृत थे। इन नामों को लेकर दावा और आपत्ति दाखिल करने की अंतिम तिथि 1 सितंबर तय की गई है।
विपक्ष और सत्ता पक्ष का हाल
महागठबंधन में अब तक केवल राजद और सीपीआई-एमएल ने आपत्ति दर्ज कराई है, जबकि कांग्रेस, सीपीएम और वीआईपी ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। दूसरी ओर, एनडीए घटक दल जेडीयू, बीजेपी, एलजेपी-आर और हम (जीतनराम मांझी की पार्टी) की ओर से भी कोई दावा या आपत्ति दाखिल नहीं हुई है।