भारत में ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग इंडस्ट्री पर संकट गहरा गया है। ड्रीम11, My11Circle और WinZO जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स को अपने मनी-बेस्ड गेम्स बंद करने पड़े हैं। इसी बीच ऑनलाइन गेमिंग कंपनी A23 ने केंद्र सरकार के नए कानून को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है। यह पहला मामला है जिसमें इस कानून के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है।
नया कानून और प्रभाव
हाल ही में संसद ने ‘ऑनलाइन गेमिंग के प्रचार और विनियमन विधेयक, 2025’ पारित किया, जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब यह कानून बन चुका है। इसका उद्देश्य ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना है, जबकि ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार का कहना है कि यह कदम नशे, मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए जरूरी था।
कानून लागू होने के बाद ड्रीम11, PokerBaazi, WinZO और Zupee जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स को अपने रियल-मनी गेम्स बंद करने पड़े।
A23 का तर्क
रिपोर्ट्स के मुताबिक, A23 (जो रम्मी और पोकर जैसे गेम्स ऑफर करती है) ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि नया कानून कौशल आधारित ऑनलाइन गेम्स को अपराधीकरण करता है। कंपनी का दावा है कि इससे लाखों खिलाड़ियों और कंपनियों का भविष्य प्रभावित होगा। A23 के मुताबिक, उसके प्लेटफॉर्म पर 7 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं।
अन्य कंपनियों की प्रतिक्रिया
इसके उलट, Dream11, MPL और Gameskraft जैसी कंपनियों ने इस कानून को अदालत में चुनौती न देने का फैसला किया है। Gameskraft ने कहा कि वह कानून का सम्मान करते हुए अपनी सर्विसेज़ बंद कर चुकी है और अब नए दिशा-निर्देशों के अनुसार काम करेगी।
ड्रीम स्पोर्ट्स (Dream11) के सीईओ हर्ष जैन ने भी कहा कि कंपनी सरकार से टकराव नहीं चाहती और भविष्य पर ध्यान केंद्रित करेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि प्रतिबंध से कंपनी की 95% आय और 100% मुनाफा प्रभावित हुआ है।
उद्योग का भविष्य अनिश्चित
नया कानून भारत के तेजी से बढ़ते रियल-मनी गेमिंग सेक्टर को गहरे संकट में ले आया है। जहां समर्थकों का कहना है कि यह कदम खिलाड़ियों की सुरक्षा और वित्तीय जोखिमों को रोकने के लिए आवश्यक है, वहीं आलोचकों का मानना है कि यह कौशल आधारित गेमिंग इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका है।
A23 का कानूनी कदम अब इस बहस को और तेज कर सकता है और उद्योग के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।