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सपनों की उड़ान अधूरी रह गई: पायल की पहली फ्लाइट ही बन गई आखिरी, पिता चलाते हैं रिक्शा

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अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के हादसे में जान गंवाने वालों में एक नाम पायल खटीक का भी है — एक ऐसी युवा लड़की, जिसकी कहानी दिल को छू जाती है।

पायल मूल रूप से राजस्थान की रहने वाली थीं और गुजरात के हिम्मतनगर में अपने परिवार के साथ रहती थीं। उनके पिता सुरेशभाई खटीक लोडिंग रिक्शा चलाते हैं। तमाम आर्थिक तंगी और मुश्किलों के बावजूद उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाया-लिखाया और उसके बेहतर भविष्य के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। पायल की मेहनत रंग लाई और वह एक निजी कंपनी में अच्छी नौकरी कर रही थीं।

हाल ही में कंपनी ने उन्हें लंदन भेजने का फैसला किया। पायल पहली बार फ्लाइट में सफर कर रही थीं और यह उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना था, लेकिन किस्मत ने क्रूर मजाक कर दिया।

गुरुवार दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद फ्लाइट क्रैश हो गई। विमान सीधे मेघानीनगर स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास पर गिरा, जिसमें अब तक 265 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

एयर इंडिया ने जानकारी दी है कि विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से सिर्फ एक यात्री ही जीवित बच पाया। पायल इस भयावह दुर्घटना की एक और मासूम शिकार बन गईं।

परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सुरेशभाई आज भी रोज़ रिक्शा चलाते हैं, लेकिन उनकी बेटी, जिसे उन्होंने खून-पसीना एक कर पढ़ाया था, अब कभी लौटकर नहीं आएगी। यह हादसा न केवल एक विमान दुर्घटना है, बल्कि ऐसे कई सपनों का अंत भी है, जो उड़ान भरने ही वाले थे।

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