2024 के लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद करीब 11 महीने तक गायब रहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आखिरकार फिर से अमेठी पहुंचीं। उनके अचानक लौटने ने हर किसी को चौंका दिया — और लोगों के मन में दबा हुआ सवाल जुबान पर आ ही गया: अबकी बार फिर कब आओगी?
याद दिला दें, 2024 में अमेठी से स्मृति ईरानी को राहुल गांधी ने नहीं, बल्कि कांग्रेस के साधारण से कार्यकर्ता किशोरी लाल शर्मा ने हरा दिया था। जबकि 2019 में यही सीट राहुल गांधी से छीनकर स्मृति ईरानी ने देशभर में बड़ी हलचल मचाई थी।
अमेठी में नया घर, नया वादा — लेकिन…
2024 के चुनाव से पहले ही स्मृति ईरानी ने अमेठी में अपना घर बनवा लिया था। गौरीगंज के मेदन मवई गांव में गृह प्रवेश कर लिया, वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा लिया — और बड़े आत्मविश्वास के साथ बोली थीं, "अब यहीं रहूंगी।"
लेकिन हार के बाद तस्वीर पलट गई। सत्ता, मंत्रालय, सब हाथ से निकल गया। और अमेठी के उस घर के चारों ओर सन्नाटा फैल गया।
राहुल बनाम स्मृति: हार के बाद का व्यवहार
दिलचस्प तुलना ये है कि राहुल गांधी ने जब 2019 में अमेठी हारी, वो सिर्फ डेढ़ महीने में लौट आए थे। जबकि स्मृति ईरानी को वापस आने में 11 महीने लग गए।
26 मई 2025 को वो अहिल्या बाई होल्कर जयंती कार्यक्रम में पहुंचीं। मंच से बोलीं:
"मेरा यहां का रिश्ता खून का नहीं, संघर्ष और पसीने का है। मैं भले 11 महीने बाद लौटी हूं, लेकिन मेरा नाता कभी टूटा नहीं।"
साथ ही दिनकर की कविता भी पढ़ी, और मंच से संदेश दिया कि वो अभी पूरी तरह अमेठी से कट चुकी नहीं हैं।
क्या ये पॉलिटिकल कमबैक की शुरुआत है?
राजनीतिक हलकों में सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या स्मृति ईरानी अब फिर से अमेठी को पॉलिटिकल अड्डा बनाने की कोशिश कर रही हैं?
क्योंकि हार के बाद उनकी केंद्रीय राजनीति में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं रही। कई बार दिल्ली की राजनीति में सक्रिय होने की चर्चा हुई, लेकिन वो भी हकीकत में नहीं बदल सकी। इवेंट, लेक्चर और पार्टी के छोटे मोटे कामों में वक्त बीता, लेकिन वो पुराना आक्रामक तेवर गायब रहा।
अब जब अमेठी लौटी हैं, क्या वो फिर से जमीन तैयार करने आई हैं? या पार्टी ने उन्हें दोबारा इस इलाके में एक्टिव होने को कहा है?
लोगों के मन का सवाल — अब कितना इंतजार?
कार्यक्रम में पहुंचे लोगों ने सीधा सवाल कर डाला, "साढ़े 11 महीने इंतजार किया… अगली बार फिर इतना लंबा इंतजार करना पड़ेगा?"
स्मृति ईरानी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "अब तो आपके घर के बगल में ही रहते हैं।"
सवाल ये है — क्या अब वाकई स्मृति ईरानी अमेठी में अपनी सक्रियता बढ़ाएंगी, या फिर ये दौरा महज एक प्रतीकात्मक यात्रा थी?