राजस्थान में लगातार हो रही भारी बारिश ने आमजन, किसानों और प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। शहरों और कस्बों की सड़कें पानी में डूब गईं, तो वहीं ग्रामीण इलाकों में मकान गिरने और नदियों के उफान से हादसे लगातार बढ़ रहे हैं।
अब तक 93 मौतें
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, 15 जून से 25 अगस्त तक बारिश से जुड़े हादसों में 93 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 46 लोग बहने या डूबने से और 24 लोग बिजली गिरने से मारे गए। इसके अलावा 51 लोग घायल हुए हैं। मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
नागौर से उदयपुर तक सबसे ज्यादा नुकसान
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नागौर जिले में सबसे ज्यादा 7 इंच बारिश दर्ज की गई।
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उदयपुर के डबोक इलाके में कुंवारी माइंस में डूबने से 4 बच्चों की मौत।
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नागौर के बच्चाखाडा में मकान ढहने से 2 लोगों की मौत।
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सीकर, चूरू और झालावाड़ में हादसों में कई लोगों की जान गई।
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झालावाड़ में कालीसिंध नदी की पुलिया पर कार बह गई, जिसमें 2 लोगों की मौत और 2 लापता।
अलर्ट और छुट्टियां
मौसम विभाग ने सिरोही, राजसमंद और उदयपुर में ऑरेंज अलर्ट और 13 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। जयपुर, सीकर समेत 19 जिलों के स्कूलों में बारिश को देखते हुए छुट्टियाँ घोषित की गई हैं।
बचाव कार्य जारी
राज्यभर में SDRF की 57 और NDRF की 7 टीमें तैनात की गई हैं। अब तक 792 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। सिविल डिफेंस भी लगातार राहत कार्यों में जुटा है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
फिलहाल मानसून ट्रफ बीकानेर, जयपुर, ग्वालियर और प्रयागराज से गुजर रही है। राजस्थान के ऊपर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण अगले 3 दिन तक भारी बारिश का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है।