जयपुर। राजस्थान के शिक्षा विभाग ने सोमवार देर रात एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए 4,527 प्रिंसिपलों के तबादले कर दिए। इस जंबो लिस्ट में कुल 508 पेज शामिल हैं और इसे माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट के ई-हस्ताक्षर के साथ मंजूरी दी गई। आदेश के मुताबिक, सभी तबादला किए गए प्रिंसिपलों को जल्द से जल्द अपने नए कार्यस्थल पर जॉइन करने के निर्देश दिए गए हैं, हालांकि जॉइनिंग की कोई अंतिम तारीख घोषित नहीं की गई है।
शहर और गांव में संतुलन पर फोकस
शिक्षा विभाग ने तबादले की इस प्रक्रिया में शहर और गांव के बीच संतुलन बनाने पर जोर दिया है। कई प्रिंसिपलों को उनकी पसंद के अनुरूप स्थान देने की कोशिश की गई है, जबकि लंबे समय से शहरों में पदस्थापित अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा गया है। हाल ही में जिन स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी में क्रमोन्नत किया गया था, वहां भी नए प्रिंसिपलों की तैनाती की गई है।
विधायकों की डिज़ायर का असर
सूत्रों के अनुसार, ट्रांसफर लिस्ट तैयार करने में विधायकों की सिफारिशों को भी अहमियत दी गई। भाजपा विधायकों से पहले तय संख्या में ‘डिज़ायर’ मांगी गई थी। जहां विधायक उपलब्ध नहीं थे, वहां पार्टी के पूर्व प्रत्याशी या सांसद से सुझाव लिए गए। बड़ी संख्या में विधायकों ने अपनी पसंद के नाम भेजे, जिनमें से कई को सूची में शामिल किया गया।
20 दिन पहले तैयार हुई थी लिस्ट
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह लिस्ट करीब 20 दिन पहले ही मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को प्रस्तुत की गई थी। लेकिन विधानसभा सत्र और श्राद्ध पक्ष के कारण इसे रोका गया था। नवरात्रि शुरू होने से पहले ही राज्य सरकार ने इसे लागू करने का निर्णय लिया और देर रात लिस्ट जारी कर दी। आदेश में साफ लिखा गया है कि ये तबादले राज्य सरकार के निर्देशों के अनुपालन में किए गए हैं।
प्रशासनिक संतुलन और शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर
विशेषज्ञों का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर तबादलों का मकसद केवल प्रशासनिक संतुलन बनाना नहीं, बल्कि ग्रामीण स्कूलों को अनुभवी नेतृत्व देना और शहरों में लंबे समय से स्थायी प्रिंसिपलों की जड़ता तोड़ना भी है। शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि योग्यताओं और अनुभव के आधार पर सही जगह तैनाती कर स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता को और मजबूत किया जा सके।