Shopping cart

Subtotal: $4398.00

View cart Checkout

Magazines cover a wide subjects, including not limited to fashion, lifestyle, health, politics, business, Entertainment, sports, science,

उत्तर प्रदेश

सुरक्षा को लेकर आजम खान के तंज से यूपी सरकार नाराज़, स्थानीय रिपोर्ट भी असंतोषजनक — जल्द हो सकता है बड़ा फैसला

Blog Image
901

रामपुर | 
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सुरक्षा बहाली के बाद उनके तीखे बयानों और तंज पर उत्तर प्रदेश सरकार नाखुश बताई जा रही है। वहीं, स्थानीय प्रशासन से मिली रिपोर्ट भी सरकार को संतोषजनक नहीं लगी है। सूत्रों के मुताबिक, शासन स्तर पर आजम खान की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा जारी है और जल्द ही इस पर कोई महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है।


23 महीने बाद बहाल हुई थी सुरक्षा

करीब 23 माह जेल में बिताने के बाद, आजम खान की पहले से मिली सुरक्षा हाल ही में बहाल की गई थी। सुरक्षा वापसी की खबर सामने आते ही उनके राजनीतिक विरोधी सक्रिय हो गए। विरोध और शिकायतों के बीच मामला सीधे शासन तक पहुंच गया, जिसके बाद गृह विभाग ने आजम खान की सुरक्षा पर समीक्षा शुरू कर दी।


आजम खान के बयान से सरकार नाराज़

समीक्षा के दौरान आजम खान ने न केवल अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए, बल्कि अपने राजनीतिक विरोधियों को दी गई सुरक्षा को लेकर तंज कसे
सूत्र बताते हैं कि उनके इन बयानों को लेकर सरकार ने गंभीरता से नोटिस लिया है, और इसे “अनुचित और उकसाने वाला” माना जा रहा है।
इस बीच, स्थानीय पुलिस और इंटेलिजेंस द्वारा भेजी गई रिपोर्ट भी सकारात्मक नहीं बताई जा रही है।


स्थानीय रिपोर्ट में क्या है?

रामपुर प्रशासन की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि आजम खान के व्यवहार और सार्वजनिक बयानों से शांति व्यवस्था पर असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
इसी रिपोर्ट के आधार पर शासन ने सुरक्षा स्तर की नई समीक्षा शुरू की है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में सरकार आजम की सुरक्षा श्रेणी घटा सकती है या इसे पुनः जांच के लिए भेजा जा सकता है।


कोर्ट में गवाह नहीं पहुंचे, जारी हुए जमानती वारंट

इस बीच, आजम खान से जुड़े यतीमखाना केस की सुनवाई बुधवार को हुई, लेकिन उनके दो मुख्य गवाह इंतेजार अहमद और करीम हुसैन अदालत में पेश नहीं हुए।
अदालत ने दोनों के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिए हैं।
यह मामला सपा शासनकाल में शहर कोतवाली क्षेत्र के यतीमखाना में हुई जबरन बस्ती खाली कराए जाने से जुड़ा है, जिसमें आजम खान पर दुरुपयोग और बल प्रयोग के आरोप हैं।

सत्ता परिवर्तन के बाद इस प्रकरण में 12 मुकदमे दर्ज हुए, जिनकी संयुक्त सुनवाई एमपी-एमएलए विशेष अदालत में चल रही है।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।


राजनीतिक पृष्ठभूमि और संभावनाएँ

आजम खान समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से कई बार विधायक रह चुके हैं।
जेल से बाहर आने के बाद से वे लगातार सत्ता और प्रशासन के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आजम के हालिया बयान और सरकार की सख्त प्रतिक्रिया, दोनों आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश की सियासत में नए तनाव को जन्म दे सकते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post