चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए लैंड पूलिंग नीति 2025 में अहम बदलाव किए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में संशोधित नीति को मंजूरी दी गई। इसके तहत लैंड पूलिंग में शामिल होने वाले किसानों को जमीन विकसित होने तक हर साल 1 लाख रुपये की वार्षिक आर्थिक सहायता दी जाएगी। खास बात यह है कि इस राशि में हर साल 10% की बढ़ोतरी भी की जाएगी।
अब किसानों की मर्जी सर्वोपरि
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत किसी भी प्रकार का भूमि अधिग्रहण नहीं होगा। किसान अपनी मर्जी से जमीन देकर राज्य के विकास में भागीदारी निभा सकेंगे। यह पहली बार है जब सरकार ऐसी लैंड pooling नीति लाई है जिसमें किसान को जबरदस्ती नहीं बल्कि विकल्प और सुविधा दी गई है।
किसानों को मिलेगी अतिरिक्त सहायता
जब तक परियोजना का कार्य शुरू नहीं होता, किसान अपनी जमीन पर खेती जारी रख सकेंगे और इसके अलावा 50,000 रुपये की अतिरिक्त वार्षिक सहायता भी दी जाएगी।
21 दिन में मिलेगा Letter of Intent (LOI)
नई व्यवस्था के तहत किसानों को 21 दिनों के भीतर Letter of Intent (LOI) जारी कर दिया जाएगा। खास बात यह है कि इस LOI को किसान बेच भी सकते हैं या इसके आधार पर बैंक से ऋण भी ले सकते हैं।
भूमि का बाजार व्यवहार रहेगा सामान्य
सरकार ने स्पष्ट किया है कि पूरी प्रक्रिया के दौरान किसानों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। किसान जमीन की खरीद-बिक्री और रजिस्ट्री जैसे सामान्य लेन-देन कर सकते हैं।
बदले में मिलेगा आवासीय और व्यावसायिक प्लॉट
संशोधित नीति के अनुसार, एक कनाल भूमि देने पर किसान को 125 वर्ग गज का आवासीय प्लॉट और 25 वर्ग गज का व्यावसायिक प्लॉट मिलेगा। साथ ही, एल.ओ.आई. मिलने पर एकमुश्त 50,000 रुपये गुजारा भत्ता भी मिलेगा।
उद्देश्य: पारदर्शिता और किसान हित
पंजाब सरकार का दावा है कि इस संशोधित नीति से शहरी विकास प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और किसान हितैषी बनाया जाएगा। सरकार भूमि मालिकों, प्रमोटरों और निजी कंपनियों को इस पहल में भागीदार बनाकर राज्य के विकास को गति देने की योजना पर काम कर रही है।