हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम जिले के दो ऐतिहासिक गांवों—गुड़गांव गांव और मोहम्मदहेड़ी—के नामों में बड़ा बदलाव करते हुए उन्हें गुरुग्राम और ब्रह्मपुरी नाम दे दिए हैं। बुधवार को राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के बाद यह बदलाव अब आधिकारिक रूप से लागू हो गया है।
यह फैसला स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों की लंबे समय से की जा रही मांग के बाद लिया गया। इन संगठनों का तर्क था कि गांवों के पुराने नाम वर्तमान सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भों के अनुकूल नहीं हैं।
गुड़गांव गांव अब ‘गुरुग्राम’
गौरतलब है कि गुड़गांव शहर का नाम पहले ही बदलकर गुरुग्राम किया जा चुका है, लेकिन उसी नाम का मूल और ऐतिहासिक गुड़गांव गांव अब तक अपने पुराने नाम से ही जाना जा रहा था। मान्यता है कि यह क्षेत्र महाभारत काल से जुड़ा हुआ है और यही वह स्थान है जहां गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवों और कौरवों को शिक्षा दी थी।
मोहम्मदहेड़ी बना ‘ब्रह्मपुरी’
दूसरी ओर, मोहम्मदहेड़ी गांव का नाम बदलकर ‘ब्रह्मपुरी’ कर दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना था कि मोहम्मदहेड़ी नाम इस्लामिक प्रतीकवाद से जुड़ा हुआ लगता है, जबकि क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को देखते हुए इसे बदला जाना चाहिए।
गांव के निवासी राकेश राव ने बताया कि इस मांग को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन किए गए और प्रशासन को ज्ञापन सौंपे गए थे। अब सरकार द्वारा नाम बदले जाने पर ग्रामीणों ने संतोष व्यक्त किया है।
मोहम्मदपुर झाड़सा का नाम बदलने की भी उठी मांग
इन नाम परिवर्तनों के बाद अब मोहम्मदपुर झाड़सा गांव का नाम बदलने की मांग भी जोर पकड़ रही है। स्थानीय लोग इस गांव का नाम भी सांस्कृतिक पहचान के अनुरूप बदलने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।
गडकरी से मिले विधायक, गुरुग्राम की सड़कों के निर्माण की मांग
इसी बीच, गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा ने गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। उन्होंने मंत्री के समक्ष गुरुग्राम-दिल्ली के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए तीन प्रमुख सड़कों के निर्माण की मांग रखी।
उन्होंने गुरुग्राम बस स्टैंड से सीआरपीएफ चौक होते हुए कामधेनु गौशाला और द्वारका एक्सप्रेसवे तक सड़क (ओल्ड नजफगढ़ रोड) के निर्माण का प्रस्ताव दिया। विधायक का कहना है कि इस मार्ग के निर्माण से हजारों वाहन चालकों को राहत मिलेगी और क्षेत्र की यातायात व्यवस्था में बड़ा सुधार होगा।