नेपाल में हालात बिगड़ने के बाद भारत-नेपाल सीमा पर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सीमा सील कर दी गई है और चोर रास्तों पर पुलिस व सुरक्षा बलों की पैनी नजर बनी हुई है। व्यापार और आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हैं, खासकर चंपावत, बनबसा और खटीमा जैसे सीमावर्ती जिलों में। किराना, कपड़ा और हार्डवेयर की दुकानों में बिक्री घट गई है, जबकि अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले नेपाली नागरिकों की संख्या भी कम हो गई है।
महेंद्रनगर से दिल्ली और देहरादून तक चलने वाली भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा मंगलवार से बंद कर दी गई है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। देहरादून, नैनीताल और मसूरी जैसे पर्यटन स्थलों पर काम करने वाले नेपाली मजदूर भी फंसे हुए हैं। सीमा पर एसएसबी, पुलिस और वन्यकर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है, जबकि संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने ऊधमसिंह नगर में अलर्ट जारी कर एक प्लाटून पीएससी को तैनात किया है।
एसएसबी की 57वीं वाहिनी ने विशेष तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। क्षेत्रीय मुख्यालय पीलीभीत के उप-महानिरीक्षक अनिल कुमार शर्मा और कमांडेंट मनोहर लाल ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए कहा है कि अवैध गतिविधियों और राष्ट्रविरोधी तत्वों पर सख्ती बरती जाएगी।
नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर रोक लगने के बाद हिंसा बढ़ी और स्थिति बेकाबू हो गई। फिलहाल, भारत-नेपाल सीमा से सटे जिलों में सतर्कता बरती जा रही है और सुरक्षा बल चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं।