मुंबई, 3 सितम्बर 2025
महाराष्ट्र में जारी मराठा आंदोलन अब समाप्ति की ओर है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने राज्य सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, उन्होंने साफ कहा कि आंदोलन तभी खत्म होगा जब सरकार आधिकारिक तौर पर जीआर (सरकारी प्रस्ताव) जारी करेगी।
सरकार और जरांगे के बीच समझौता
मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार के मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने जरांगे से मुलाकात की। बातचीत के बाद जरांगे ने सरकार का प्रस्ताव मान लिया। प्रस्ताव के अनुसार—
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मराठाओं को कुनबी प्रमाण पत्र देने के लिए हैदराबाद गजट लागू किया जाएगा।
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एक महीने के भीतर सतारा रियासत को लेकर भी फैसला लिया जाएगा।
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सितंबर के अंत तक मराठा आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाएंगे।
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आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के परिजनों को आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा।
भूख हड़ताल पर थे जरांगे
जरांगे 29 अगस्त से मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे। उनकी मुख्य मांग थी कि मराठा समुदाय को ओबीसी वर्ग के तहत 10% आरक्षण दिया जाए, ताकि उन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में लाभ मिल सके।
क्यों अहम है हैदराबाद गजट?
जरांगे लगातार हैदराबाद गजट लागू करने की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि यह दस्तावेज़ साबित करता है कि मराठवाड़ा क्षेत्र में रहने वाले मराठाओं को पहले कुनबी समुदाय माना गया था। चूंकि कुनबी को ओबीसी वर्ग में आरक्षण प्राप्त है, इसलिए मराठा समाज को भी इसका सीधा लाभ मिल सकता है।
आंदोलनकारियों के लिए जरांगे का संदेश
समझौते के बाद जरांगे ने अपने समर्थकों से कहा—
“हम आपकी ताकत से जीत गए हैं। आज मैंने गरीब की ताकत को समझ लिया है।”