मुंबई | 12 जून 2025:
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आने के संकेत मिल रहे हैं। आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनावों से पहले राज ठाकरे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की एक गुप्त बैठक ने उद्धव ठाकरे गुट की रणनीति को झटका दे दिया है। यह बैठक गुरुवार को मुंबई के एक पांच सितारा होटल में करीब एक घंटे तक बंद कमरे में चली, जिसकी जानकारी पहले से किसी भी पक्ष ने सार्वजनिक नहीं की थी।
क्या बन रहा है BJP-MNS गठबंधन?
यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब शिवसेना (UBT) लगातार राज ठाकरे से गठबंधन की संभावना को हवा दे रही थी। ‘मराठी मानूस की एकजुटता’ के नारे के साथ शिवसेना (उद्धव गुट) ने राज ठाकरे को साथ लाने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन अब BJP और शिंदे गुट की सक्रियता से संकेत मिल रहे हैं कि राज ठाकरे MVA की बजाय NDA के करीब जा सकते हैं।
प्रतीकात्मक एकता दिवस की रणनीति पर पानी फिरा?
14 जून को राज ठाकरे और 13 जून को आदित्य ठाकरे का जन्मदिन है। शिवसेना (UBT) कार्यकर्ता इन तारीखों को "एकता दिवस" की तरह मनाकर दोनों ठाकरे भाइयों की नजदीकी दिखाना चाहते थे, लेकिन फडणवीस-राज ठाकरे बैठक ने इस पहल को कमजोर कर दिया है।
MNS की चुप्पी, BJP से बढ़ती नजदीकी
पिछले कुछ महीनों में शिवसेना (UBT) ने कई बार राज ठाकरे को भावनात्मक अपील के जरिए साथ लाने की कोशिश की। पुराने पारिवारिक फोटो, सामना में प्रकाशित लेख और सोशल मीडिया अभियान इसके गवाह हैं। लेकिन MNS ने इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी।
हाल ही में राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने भी साफ किया था कि, “गठबंधन मीडिया बाइट्स से नहीं बनते।”
शिंदे गुट ने भी बढ़ाया हाथ
MNS को भाजपा के अलावा शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से भी गठबंधन का प्रस्ताव मिला है।
संजय शिरसाट, मंत्री और शिंदे गुट के नेता ने कहा,
“हमने पहले विधानसभा चुनाव में भी MNS को गठबंधन की पेशकश की थी, और आज भी राज साहेब को साथ आने का निमंत्रण देते हैं।”
क्या होगा BMC चुनावों में असर?
अगर भाजपा और MNS साथ आते हैं, तो BMC चुनावों में मराठी वोट बैंक और हिंदुत्व कार्ड पर सीधा असर पड़ेगा। इससे उद्धव ठाकरे की शिवसेना के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
शिवसेना (UBT) की नेता और पूर्व महापौर किशोरी पेडनेकर ने कहा,
“अभी इसपर टिप्पणी करना जल्दबाज़ी होगी। दोनों भाइयों ने पहले मतभेदों को गौण बताया है। देखते हैं आगे क्या होता है।”