बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के परिवार में गंभीर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। लालू की सबसे चहेती बेटी रोहिणी आचार्य ने सार्वजनिक रूप से घर के अंदर की घटनाओं को साझा कर परिवार में चल रहे विवाद को उजागर किया है।
इस विवाद के पीछे यूपी कनेक्शन भी सामने आया है। बलरामपुर जिले के तुलसीपुर चेयरमैन हत्या केस में आरोपित पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर के दामाद रमीज नेमत को इस मतभेद का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। खुद रोहिणी ने मीडिया के सामने रमीज नेमत का नाम लिया, जिसके बाद वह अचानक सुर्खियों में आ गए हैं।
रमीज नेमत बलरामपुर के भंगहाकला गांव के निवासी हैं और उनकी पत्नी जेबा रिजवान ने भी तुलसीपुर विधानसभा चुनाव लड़ा था, हालांकि सफलता नहीं मिली। 2022 में पूर्व चेयरमैन फिरोज पप्पू हत्या मामले में रमीज, जेबा और पूर्व सांसद रिजवान जहीर समेत पांच लोग आरोपित हैं। रमीज और उनकी पत्नी जमानत पर बाहर हैं, जबकि रिजवान जहीर ललितपुर जेल में बंद हैं। जमानत के बाद रमीज बिहार में राजद के सोशल मीडिया कैंपेन का हिस्सा बने थे।
रमीज नेमत पर गंभीर आपराधिक आरोप
रमीज का आपराधिक इतिहास 2021 में पंचायत चुनावों के दौरान शुरू हुआ, जब दो गुटों में हिंसक झड़प में उन पर आगजनी, मारपीट और बलवा के आरोप लगे। बाद में अदालत ने उन्हें इस मामले में दोषमुक्त कर दिया।
2022 में तुलसीपुर के पूर्व चेयरमैन फिरोज पप्पू की हत्या के मामले में रमीज आरोपी बने, और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) तथा गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई।
फिरोज पप्पू के भाई अफरोज आलम ने कहा कि रोहिणी ने जिस रमीज का नाम लिया है, वही मेरे भाई का कातिल है। अफरोज ने कहा कि “हम रोहिणी का दर्द समझ सकते हैं।”
रोहिणी आचार्य का दर्द—परिवार से दूरी और राजनीति से संन्यास का संकेत
रविवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर सिंगापुर रवाना होने से पहले रोहिणी ने फिर अपना दर्द सार्वजनिक किया। उन्होंने अपने छोटे भाई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राजद सांसद संजय यादव और उनके करीबी रमीज नेमत पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि परिवार में उन्हें अपमानित किया गया, गालियाँ दी गईं और उन पर चप्पल उठाया गया। रोहिणी ने कहा कि इन तीन लोगों की वजह से उन्हें राजनीति से संन्यास लेने और परिवार से दूरी बनाने को मजबूर होना पड़ा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर रोहिणी ने दो भावुक पोस्ट किए। उन्होंने लिखा—
“कल एक बेटी, एक बहन, एक मां को जलील किया गया। गालियां दी गईं। मुझे मेरे अपने परिवार से निकाल दिया गया। मुझे मेरा मायका छुड़वा दिया गया।”
दूसरी पोस्ट में उन्होंने अपने पिता को दी गई किडनी को लेकर हुई टिप्पणियों का जिक्र किया। उन्होंने लिखा—
“कहा गया कि मैंने अपने पिता को ‘गंदी किडनी’ लगवाई। करोड़ों रुपये लिए। टिकट लिया तब किडनी लगाई। यह सब सुनकर मैं टूटी हूं। किसी घर में रोहिणी जैसी बेटी न हो।”
किडनी दान पर कटाक्ष से आहत रोहिणी
रोहिणी ने कहा कि उन्होंने अपनी इच्छा से पिता को किडनी दी—बिना पति और ससुराल से अनुमति लिए। उन्होंने लिखा—
“मैंने अपने भगवान समान पिता को बचाने के लिए जो किया, आज उसे ‘गंदा’ कहा जा रहा है।”
उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे “अपनी जिंदगी को प्राथमिकता दें और मायके के मामलों में खुद को कुर्बान न करें।”
परिवारिक विवाद का अंजाम क्या होगा?
लालू परिवार में बढ़ती दरार और रमीज नेमत का नाम सामने आने से राजनीतिक हलचल तेज है।
अब सबकी नजर इस बात पर है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इस संकट को कैसे संभालते हैं और क्या यह मतभेद आगे राजनीतिक असर भी दिखाता है।