नई दिल्ली: वस्त्र मंत्रालय ने खरीफ कपास सीजन 2025-26 से पहले एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) संचालन की व्यापक समीक्षा की है। मंत्रालय की सचिव नीलम शमी राव ने सभी कपास उत्पादक राज्यों के अधिकारियों, कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरी तैयारी का जायजा लिया।
बैठक में किसानों के लिए समस्या मुक्त खरीद, समय पर भुगतान और डिजिटल समावेशन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। इस दिशा में मंत्रालय ने 550 कपास खरीद केंद्रों की स्थापना की है, जो 11 प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में परिचालित होंगे। यह अब तक की सबसे बड़ी खरीद बुनियादी ढांचा पहल है, जिससे किसानों को अधिकतम पहुंच और रसद दक्षता सुनिश्चित होगी।
खरीदारी की तिथियां:
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उत्तरी क्षेत्र (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान): 1 अक्टूबर 2025 से
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मध्य क्षेत्र (गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा): 15 अक्टूबर 2025 से
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दक्षिणी क्षेत्र (तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु): 21 अक्टूबर 2025 से
'कपास-किसान' ऐप के माध्यम से डिजिटल सशक्तिकरण
सरकार के डिजिटल-प्रथम दृष्टिकोण के तहत, 'कपास-किसान' मोबाइल ऐप के व्यापक उपयोग पर जोर दिया गया। यह ऐप किसानों को स्व-पंजीकरण, 7-दिवसीय स्लॉट बुकिंग और वास्तविक समय भुगतान ट्रैकिंग की सुविधा देता है।
किसानों को 31 अक्टूबर 2025 तक ऐप पर पंजीकरण पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐप पर पंजीकरण और वित्तीय लेनदेन पूरी तरह डिजिटल और आधार-संबद्ध बैंक खातों के माध्यम से होंगे।
शिकायत निवारण और निगरानी
हर खरीद केंद्र पर स्थानीय निगरानी समितियां (LMC) गठित की गई हैं। इसके अलावा, CCI ने किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए व्हाट्सएप हेल्पलाइन भी शुरू की है।
भूमि रिकॉर्ड और डिजिटल पंजीकरण
मंत्रालय ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे कपास की खेती के भूमि रिकॉर्ड साझा करें, ताकि मोबाइल ऐप पर किसान पंजीकरण तेजी से हो सके। सभी पात्र किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ सुनिश्चित करने के लिए तुरंत पंजीकरण कराने की सलाह दी गई है।
वस्त्र मंत्रालय ने इस बैठक के दौरान किसानों के लिए पारदर्शी, कुशल और उत्तरदायी खरीद व्यवस्था सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।