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राज्य

जयपुर में 4 मंजिला हवेली ढही, पिता‑बेटी की मौत, 7 घायल

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जर्जर इमारत में रह रहे 19 किरायेदारों पर टूटी मुसीबत, प्रशासन की लापरवाही उजागर

जयपुर के सुभाष चौक इलाके में शुक्रवार रात करीब 12 बजे एक बड़ी त्रासदी हुई। बाल भारती स्कूल के पीछे स्थित 4 मंजिला जर्जर हवेली अचानक भरभराकर गिर गई। हादसे में 33 वर्षीय प्रभात और उनकी 6 साल की बेटी पीहू की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी सुनीता गंभीर रूप से घायल हैं। कुल 7 लोग घायल हुए, जिन्हें रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बारिश से कमजोर हुई थी हवेली

स्थानीय प्रशासन के अनुसार, लगातार हो रही बारिश के कारण हवेली की दीवारें और छतें पानी सोखकर कमजोर हो गई थीं। हवेली चूने से बनी थी और काफी पुरानी थी। हादसे के समय इसमें 19 से ज्यादा किरायेदार रह रहे थे, जो मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल से आए मजदूर परिवार थे।

धमाके जैसी आवाज से फैली दहशत

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हवेली गिरते समय जोरदार धमाका हुआ, जैसे बादल गरज रहे हों। धूल का गुबार फैल गया और लोग घबराकर बाहर भागे। आसपास के निवासियों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी।

रेस्क्यू ऑपरेशन

पुलिस और सिविल डिफेंस की टीम रात 1:15 बजे मौके पर पहुंची। SDRF की मदद से पूरे इलाके में राहत और बचाव कार्य शुरू हुआ। सुबह 7 बजे तक मलबे में फंसे सभी लोगों को निकाल लिया गया।

अस्पताल में भर्ती

प्रभात और उनकी बेटी पीहू को मलबे से बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों की मृत्यु की पुष्टि हुई। प्रभात की पत्नी सुनीता का इलाज जारी है। इसके अलावा वासुदेव, उनकी पत्नी सुकन्या और उनके बच्चों सोनू (4) और ऋषि (6) को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन की नाकामी के कारण यह हादसा हुआ। क्षेत्र में करीब 7 मकान इसी तरह जर्जर स्थिति में हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। विधायक अमीन कागजी ने भी इसे प्रशासन की लापरवाही करार दिया और कहा कि पहले ही नगर निगम को पत्र लिखकर ऐसे भवनों को चिन्हित कर खाली कराने की मांग की थी।

बचे लोगों को अस्थायी राहत

हादसे के बाद बचे हुए लोगों को अस्थायी रूप से पार्षद कार्यालय में शिफ्ट किया गया। सभी परिवार मजदूरी करके जीवन यापन कर रहे थे। प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को खाली कर निरीक्षण शुरू करने की घोषणा की है ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके।

यह हादसा प्रशासन की निष्क्रियता और जर्जर भवनों की अनदेखी का गंभीर परिणाम है। स्थानीय लोगों में भय का माहौल है और वे जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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