पटना, 8 सितंबर 2025 – बिहार में बीपीएससी टीआरई-4 (चौथे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा) के तहत 1.20 लाख पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने पटना की सड़कों पर प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने सरकार से अधिक सीटों की मांग करते हुए जोरदार विरोध जताया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प भी हुई, जिसमें कई अभ्यर्थी घायल हो गए। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज भी किया।
इस घटनाक्रम के बीच बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फिलहाल जितनी वैकेंसी उपलब्ध हैं, उसी के आधार पर टीआरई-4 की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि टीआरई-4 के बाद ही टीआरई-5 की परीक्षा कराई जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा, “अब तक करीब ढाई लाख शिक्षकों की नियुक्ति BPSC के माध्यम से की जा चुकी है। 33 हजार प्रधान शिक्षकों की नियुक्तियां भी हुई हैं, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा, हम टीआरई-4 के तहत 26 हजार से अधिक नियुक्तियां कर रहे हैं और विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भी याचिका भेजी जा चुकी है। अभ्यर्थियों की मांगों को पूरा करने की दिशा में प्रयास जारी है।”
शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि टीआरई-4 परीक्षा 16 से 19 दिसंबर 2025 तक आयोजित की जाएगी, जबकि परीक्षा परिणाम 20 से 24 जनवरी 2026 के बीच जारी किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वैकेंसी की पूरी जानकारी जल्द साझा की जाएगी और उपलब्ध सीटों के आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी।
हालाँकि, अभ्यर्थियों में सरकार की नीति को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि पहले 1.20 लाख पदों पर नियुक्ति की बात कही गई थी, लेकिन बाद में सीटें घटाकर 60 हजार कर दी गईं। अब यह आरोप लगाया जा रहा है कि इन 60 हजार सीटों को टीआरई-5 के लिए सुरक्षित रखा गया है।
प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर छात्रों की नाराज़गी और सरकार की नीति को लेकर बहस तेज हो गई है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन प्रदर्शनकारियों की मांगों का किस तरह समाधान करता है।