हिमाचल प्रदेश में मानसून कहर बरपा रहा है। रविवार रात से जारी भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सबसे ज्यादा तबाही पर्यटन नगरी मनाली और मंडी में देखने को मिली।
मनाली में ब्यास नदी का उफान
मनाली में ब्यास नदी के उफान से बाहंग बाजार स्थित एक रेस्टोरेंट और 3-4 दुकानें बह गईं। गनीमत रही कि इन्हें पहले ही खाली करा लिया गया था। फिर भी लाखों का नुकसान हुआ है। भारी बारिश से मनाली-कुल्लू नेशनल हाईवे-3 ढंकार के पास क्षतिग्रस्त हो गया है। वाहनों की आवाजाही रायसन से लेफ्ट बैंक रोड होकर कराई जा रही है।
मनालसु नाले में बाढ़ आने से शहर की पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है। प्रशासन ने उपभोक्ताओं से पानी का सावधानीपूर्वक उपयोग करने की अपील की है।
मंडी में तबाही, सैकड़ों लोग टनलों में फंसे
मंडी जिले में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे जगह-जगह बंद पड़ा है। पंडोह से औट तक कई जगह मलबा गिरने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। हणोगी के पास सैकड़ों लोग फोरलेन टनलों में फंसे हुए हैं, जहां मंदिर कमेटी और प्रशासन भोजन-पानी पहुंचा रहे हैं।
बालीचौकी क्षेत्र में दो मकान गिर गए हैं, जबकि लाछ और बाता गांव में 35 घर खतरे की जद में हैं। कई मकानों में दरारें भी आ चुकी हैं।
स्कूल बंद और अलर्ट जारी
लगातार बारिश के चलते शिमला, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू समेत 9 जिलों में आज सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखे गए। पौंग डैम का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र एक फीट नीचे पहुंच गया है। जलस्तर बढ़ने पर आउटफ्लो को 75,000 क्यूसेक तक किया गया है।
मौसम विभाग ने चंबा और कांगड़ा जिलों के लिए रेड अलर्ट, कुल्लू और मंडी के लिए ऑरेंज अलर्ट और ऊना, बिलासपुर व हमीरपुर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बारिश का यह दौर 31 अगस्त तक जारी रहने की संभावना है।
अब तक का भारी नुकसान
राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार अब तक:
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306 लोगों की मौत, 37 लापता और 360 घायल।
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3,186 मकान क्षतिग्रस्त, जिनमें 693 पूरी तरह ढह गए।
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सिर्फ मंडी जिले में 1,500 मकान प्रभावित।
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470 दुकानें और 2,819 पशुशालाएं तबाह।
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मंडी में 288, चंबा में 214, कुल्लू में 131 और सिरमौर में 41 सड़कें बंद।
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बिजली व पेयजल योजनाएं भी बुरी तरह प्रभावित।
हिमाचल में मानसून से हालात बिगड़ते जा रहे हैं और प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है।