दौसा। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने बुधवार को दौसा में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा में शिरकत की। यह सभा पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर भण्डाना गांव स्थित राजेश पायलट पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में आयोजित की गई थी।
इस मौके पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक साथ मंच पर नज़र आए। लंबे समय से दोनों नेताओं के बीच खटास की खबरों के बीच गहलोत ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा, "मैं और सचिन अलग कब थे? हम दोनों में खूब मोहब्बत है। यह तो मीडिया वाले हैं जो हमें अलग दिखाने की बातें करते हैं।"
राजनीति में तल्खी, लेकिन मंच पर बदला माहौल
राजनीतिक गलियारों में गहलोत और सचिन पायलट के बीच मतभेद लंबे समय से चर्चा का विषय रहे हैं। 2018 से लेकर 2023 तक दोनों नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद, नेतृत्व परिवर्तन और सरकार गिराने की कोशिशों को लेकर खुली खींचतान देखी गई थी। लेकिन दौसा में बुधवार को कुछ और ही तस्वीर नजर आई। मंच से लेकर सार्वजनिक भाषणों तक, दोनों नेताओं ने परस्पर सौहार्द और सम्मान का संदेश दिया।
गहलोत ने साझा किया राजेश पायलट से पुराना रिश्ता
सभा के दौरान अशोक गहलोत ने दिवंगत राजेश पायलट को याद करते हुए कहा, "मैं और राजेश पायलट जी 1980 में पहली बार लोकसभा पहुंचे थे और लगभग 18 वर्षों तक साथ में सांसद रहे। उनके निधन से पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ, जिसकी भरपाई आज भी नहीं हो सकी है।"
गहलोत ने यह भी कहा कि वे सचिन पायलट के आमंत्रण पर इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। इससे पहले 7 जून को सचिन पायलट स्वयं जयपुर में अशोक गहलोत के आवास पहुंचे थे और उन्हें पुण्यतिथि के कार्यक्रम में आने का न्योता दिया था।
वर्षों से चला आ रहा था टकराव
2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद गहलोत और पायलट के बीच नेतृत्व को लेकर विवाद गहराता चला गया। 2020 में सचिन पायलट गुट के कुछ विधायकों के साथ मानेसर चले गए थे, जिससे राजस्थान सरकार संकट में आ गई थी। गहलोत ने आरोप लगाया था कि ये विधायक भाजपा से संपर्क में थे और सरकार गिराने की कोशिश कर रहे थे।
2023 में सचिन पायलट ने खुले मंच से कई बार पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए और कहा कि उन्हें "निकम्मा, गद्दार और देशद्रोही" जैसे शब्दों से नवाज़ा गया। उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस तरह से अपमानित करना गलत है।
क्या रिश्तों में पिघल रही है बर्फ?
दौसा में गहलोत और पायलट की एकजुटता और मंच साझा करने को राजनीतिक जानकार रिश्तों में सुधार का संकेत मान रहे हैं। प्रार्थना सभा के दौरान दोनों नेताओं ने न केवल एक-दूसरे को सम्मान दिया, बल्कि मीडिया के सवालों का जवाब भी संतुलित तरीके से दिया।