भोपाल/जामनगर, 11 जून:
मध्यप्रदेश सरकार अब प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक नया अध्याय शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को गुजरात के जामनगर स्थित देश के सर्वश्रेष्ठ वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश सरकार जैव विविधता, वन संपदा और वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश जैवविविधता के लिहाज़ से देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है। यहाँ बाघ, तेंदुआ, बारहसिंगा, हाथी और दुर्लभ पक्षियों सहित कई प्रमुख वन्यजीव पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इन अमूल्य प्राणियों की सुरक्षा और बेहतर देखभाल के लिए राज्य के सभी संभागों में वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
सीएम ने कहा, "हमारा प्रयास है कि घायल या संकट में आए वन्यजीवों को तुरंत उपचार और संरक्षण मिल सके। रेस्क्यू सेंटर ऐसे केंद्र होंगे जहां प्रशिक्षित विशेषज्ञों की देखरेख में वन्यजीवों का इलाज, पुनर्वास और आवश्यकतानुसार पुनः वन में छोड़ने की व्यवस्था की जाएगी।"
मुख्यमंत्री ने जामनगर स्थित सेंटर की कार्यप्रणाली, तकनीकी सुविधाएं और पशु चिकित्सकों की भूमिका की सराहना की और संकेत दिया कि इसी मॉडल को आधार बनाकर मध्यप्रदेश में भी आधुनिक रेस्क्यू केंद्र बनाए जाएंगे।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि गुजरात और मध्यप्रदेश के बीच वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर आपसी सहयोग और आदान-प्रदान को और मजबूत किया जाएगा। दोनों राज्यों के बीच अनुभव, तकनीक और विशेषज्ञता साझा की जाएगी, ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
पृष्ठभूमि:
गौरतलब है कि जामनगर स्थित यह रेस्क्यू सेंटर न केवल गुजरात, बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन चुका है। यहाँ पर अनेक दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों को सुरक्षित रखा गया है और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री का यह दौरा प्रदेश के वन्यजीव प्रबंधन और संरक्षण के भविष्य के रोडमैप का संकेत भी है। माना जा रहा है कि इस पहल से न केवल वन्यजीवों की रक्षा होगी, बल्कि पर्यटन और जैवविविधता के संरक्षण को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा।