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राज्य

रणथंभौर में बाघ का खौफ: एक ग्रामीण की मौत के बाद मचा हड़कंप, 33 घंटे धरने के बाद मंत्री के हस्तक्षेप से मचा सन्नाटा

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सवाई माधोपुर/पीलीभीत। राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व के पास बाघ के हमले में एक ग्रामीण की मौत के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है।

मृतक की पहचान पास के गांव के निवासी के रूप में हुई है, जो जंगल के समीप अपने रोजमर्रा के काम से गया हुआ था। हमले के बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने शव के साथ धरने पर बैठने का फैसला किया।

33 घंटे तक चला धरना, बंद पड़ी रही व्यवस्था

रणथंभौर दुर्ग क्षेत्र के पास हुए इस हमले के बाद स्थानीय लोगों ने वन विभाग और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताते हुए शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि बाघों की बढ़ती आवाजाही और हमलों के बावजूद सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं।

धरना करीब 33 घंटे तक चला, जिससे क्षेत्र में यातायात भी प्रभावित रहा और प्रशासनिक कार्य ठप हो गए। ग्रामीणों की मांग थी कि पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए, सुरक्षा उपाय बढ़ाए जाएं और आदमखोर बाघ को पकड़ने की कार्रवाई तुरंत शुरू की जाए।

मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने संभाला मोर्चा

स्थिति को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की। मंत्री ने पीड़ित परिवार को शीघ्र मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया और कहा कि वन विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं कि बाघ की मूवमेंट पर निगरानी बढ़ाई जाए तथा उचित कार्रवाई की जाए।

उनकी मध्यस्थता के बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया और शव का अंतिम संस्कार किया गया। मंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों इसके लिए गांवों के पास जंगल में गश्त तेज की जाए और ग्रामीणों को जागरूक किया जाए।

पीलीभीत में भी बाघ बना दहशत का कारण

उधर उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में भी बाघ के हमलों से लोग सहमे हुए हैं। बीते दिनों वहां भी बाघ के हमले की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे गांवों में डर का माहौल है। वन विभाग की टीम बाघ की लोकेशन और मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए ड्रोन्स और कैमरों की मदद ले रही है।

बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष पर चिंता

रणथंभौर और पीलीभीत दोनों जगहों की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि मानव-वन्यजीव संघर्ष लगातार बढ़ रहा है। जानकारों का मानना है कि जंगलों की सीमाएं कम होती जा रही हैं और बाघों का क्षेत्र इंसानी बस्तियों के करीब आता जा रहा है, जिससे इस तरह की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं।

क्या कहता है वन विभाग?

वन विभाग का कहना है कि रणथंभौर क्षेत्र में बाघों की संख्या बढ़ने से उनकी मूवमेंट का दायरा भी बढ़ा है। विभाग ने चेतावनी जारी की है कि ग्रामीण अकेले जंगल की तरफ न जाएं और वन विभाग की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। साथ ही, विभाग ने निगरानी बढ़ाने और त्वरित प्रतिक्रिया टीम (QRT) सक्रिय करने की बात भी कही है।


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