उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) में बड़ा संगठनात्मक बदलाव किया गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी में अब तक लागू मंडलीय व्यवस्था को खत्म कर ‘जोनल व्यवस्था’ लागू कर दी है।
प्रदेश में बने 9 जोन
नई व्यवस्था के तहत हर दो मंडलों को मिलाकर एक जोन बनाया गया है। पूरे प्रदेश को कुल 9 जोन में बांटा गया है। हर जोन में दो प्रभारी रहेंगे — एक मुख्य प्रभारी (Chief In-Charge) और एक सहायक प्रभारी (Assistant In-Charge)।
इस नए सिस्टम का उद्देश्य है पार्टी को जमीनी स्तर पर मज़बूत करना और संगठनात्मक कार्यों में तेजी लाना।
प्रमुख जिम्मेदारियां
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घनश्याम चंद्र खरवार को गोरखपुर, अयोध्या और लखनऊ जोन का मुख्य प्रभारी बनाया गया है।
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गया चरण दिनकर को प्रयागराज जोन का मुख्य प्रभारी नियुक्त किया गया है, जबकि विजय प्रताप सहायक प्रभारी होंगे।
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पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को मिर्जापुर जोन का मुख्य प्रभारी और गुड्डू राम को सहायक प्रभारी बनाया गया है।
अनुशासनहीनता पर सख्ती
संगठन में फेरबदल के साथ ही मायावती ने अनुशासनहीनता के मामलों पर सख्त रवैया दिखाया है।
बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कानपुर और लखनऊ मंडल प्रभारी समसुद्दीन राईन को पार्टी से निकालने की घोषणा की है।
उन पर गुटबाजी और अनुशासनहीनता के आरोप लगे थे।
सूत्रों के मुताबिक, मायावती का फोन न उठाना भी उनके खिलाफ कार्रवाई की एक वजह बनी।
मायावती की नई रणनीति
बसपा सुप्रीमो समय-समय पर पार्टी संरचना में बदलाव करती रही हैं।
इस बार भी मायावती का मकसद है 2027 विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को नई ऊर्जा और संगठनात्मक स्पष्टता देना।
नई जोनल व्यवस्था से पार्टी की पकड़ स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर और मजबूत होने की उम्मीद है।