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Commission: बिहार सरकार ने विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अति पिछड़ा आयोग आयोग का गठन किया है. जिसमें प्रो. डॉ. नवीन कुमार आर्य अध्यक्ष बनाए गए हैं. वहीं, केदार नाथ भंडारी और अमित कुमार को सदस्य नियुक्त किया गया है.
हाइलाइट्स
डॉ. नवीन कुमार आर्य को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया
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बिहार सरकार ने अति पिछड़ा वर्ग आयोग का किया गठन
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केदार नाथ भंडारी और अमित कुमार को आयोग में सदस्य बनाया गया
पटनाः बिहार सरकार ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सामाजिक समीकरणों को साधते हुए एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने अति पिछड़ा वर्ग के लिए एक विशेष राज्य आयोग का गठन किया है. इस आयोग के अध्यक्ष के रूप में प्रो. डॉ. नवीन कुमार आर्य को नियुक्त किया गया है. उनके साथ आयोग में सदस्य के तौर पर केदार नाथ भंडारी और अमित कुमार को शामिल किया गया है.
हाल ही में बना था सवर्ण आयोग
यह फैसला आगामी अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. नीतीश सरकार पिछले कुछ हफ्तों से लगातार ऐसे फैसले ले रही है, जिनसे विभिन्न सामाजिक वर्गों को साधा जा सके. इससे पहले सरकार ने सवर्ण आयोग के गठन की घोषणा की थी, जिसे राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को ध्यान में रखकर बनाया गया है.
सिर्फ अति पिछड़ा आयोग ही नहीं, बिहार सरकार ने हाल ही में महादलित, अनुसूचित जाति-जनजाति (SC-ST) आयोग और मछुआरा आयोग के गठन की भी अधिसूचना जारी की है. ये सभी आयोग सामाजिक न्याय, कल्याण और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं.
राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम फैसला
विशेषज्ञों का मानना है कि इन आयोगों का गठन राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम है, क्योंकि इससे नीतीश सरकार को विभिन्न जातीय और सामाजिक वर्गों का समर्थन प्राप्त हो सकता है. यह भी माना जा रहा है कि आगामी चुनावों में EBC, SC-ST, महादलित और सवर्ण वर्गों को लुभाने के लिए यह रणनीति अपनाई जा रही है.
इन घोषणाओं से स्पष्ट है कि नीतीश कुमार आगामी चुनाव में सामाजिक संतुलन साधते हुए एक बार फिर सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे हैं. आयोगों का गठन न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टिकोण से, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी एक अहम घटनाक्रम है