पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के एलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो गई है। चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार बिहार में दो चरणों में मतदान होगा — पहले चरण में 6 नवंबर और दूसरे में 11 नवंबर वोटिंग होगी, जबकि चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित होंगे।
आचार संहिता का उद्देश्य
आचार संहिता का मुख्य उद्देश्य समान और निष्पक्ष चुनाव कराना है। यह सुनिश्चित करती है कि सत्ताधारी दल अपनी स्थिति का दुरुपयोग न कर सके और मतदाता बिना किसी दबाव के अपने मत का प्रयोग कर सकें।
सरकार और प्रशासन पर प्रतिबंध
आचार संहिता लागू होने के बाद राज्य सरकार:
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कोई नई योजना, परियोजना या उद्घाटन नहीं कर सकती।
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बजट आवंटन, वित्तीय निर्णय, स्थानांतरण, पदोन्नति और नियुक्तियों पर रोक होती है।
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सरकारी भवनों, संसाधनों और कर्मचारियों का राजनीतिक उपयोग प्रतिबंधित है।
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सरकारी विज्ञापन या किसी पार्टी की उपलब्धियों का प्रचार नहीं किया जा सकता।
साथ ही, सभी DM, SP, BDO, SDO और ब्लॉक स्तर के अधिकारी सीधे चुनाव आयोग के अधीन हो जाते हैं। बिना आयोग की अनुमति किसी अधिकारी का तबादला या नियुक्ति नहीं की जा सकती।
राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए नियम
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धर्म, जाति, भाषा या क्षेत्र के आधार पर वोट मांगना सख्त वर्जित है।
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भड़काऊ भाषण, नफरत फैलाने वाली टिप्पणियां और सांप्रदायिक बयानबाजी पर पूरी तरह रोक है।
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मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए कोई उपहार, पैसा या प्रलोभन नहीं दिया जा सकता।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निगरानी
चुनाव आयोग अब सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक विज्ञापन और डिजिटल संदेशों पर भी नजर रखेगा। हर उम्मीदवार को अपने डिजिटल प्रचार और खर्च का ब्यौरा देना अनिवार्य है। फेक न्यूज या भ्रामक सूचना फैलाने पर आईटी और चुनाव कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
अगर कोई मंत्री या उम्मीदवार आचार संहिता का उल्लंघन करता है, तो निर्वाचन आयोग नोटिस जारी कर जवाब तलब कर सकता है। जरूरत पड़ने पर उसके खिलाफ FIR दर्ज, चुनाव प्रचार पर रोक, जुर्माना या नामांकन रद्द तक की कार्रवाई की जा सकती है।
राज्य की सत्ता आयोग के नियंत्रण में
आचार संहिता लागू होते ही बिहार में प्रशासनिक और राजनीतिक गतिविधियां निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में आ जाती हैं। इसका उद्देश्य यही है कि कोई भी पार्टी या नेता अपने पद का दुरुपयोग करके चुनावी लाभ न उठा सके और लोकतंत्र की मूल भावना सुरक्षित रहे।