समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे व पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को दोबारा जेल भेज दिया गया है। दोनों को सोमवार दोपहर एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दो पैन कार्ड रखने और दस्तावेज़ों में हेरफेर के मामले में सात साल की कठोर कैद और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद दोनों को रामपुर जेल भेज दिया गया। खास बात यह है कि आज़म खान जेल से जमानत पर बाहर आए थे और उनकी आज़ादी सिर्फ 55 दिन ही चल पाई।
रामपुर विधायक की शिकायत से शुरू हुआ था मामला
यह मामला वर्ष 2019 में दर्ज हुआ था, जब रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत की थी कि अब्दुल्ला आजम ने अपनी जन्मतिथि और पहचान से जुड़े दस्तावेजों में हेरफेर की है।
जांच आगे बढ़ी तो इसमें आज़म खान की भूमिका भी सामने आई, जिसके बाद दोनों के खिलाफ मुकदमा चला। सोमवार को कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि सभी आरोप साबित हुए हैं।
23 महीने जेल में रहने के बाद हुई थी रिहाई
आजम खान इससे पहले 23 सितंबर 2025 को जमानत पर रिहा हुए थे। वे कुल 23 महीने जेल में रहे थे। उनकी रिहाई के बाद घर में लगातार मिलने वालों का तांता लगा रहा। लेकिन दो महीना भी पूरा नहीं हुआ कि उन्हें दोबारा सलाखों के पीछे जाना पड़ा।
12 मामलों में फैसला, 7 में सजा—अभी भी दर्ज हैं अनेक मुकदमे
जानकारी के मुताबिक आजम खान के खिलाफ वर्ष 2019 में कुल 84 मुकदमे दर्ज किए गए थे।
अब तक:
-
12 मामलों में फैसला आया
-
7 में आजम को सजा मिली
-
5 मामलों में वे बरी हुए
इनमें एक मामला मुरादाबाद का भी है।
2023 में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने हाईवे जाम मामले में आजम और अब्दुल्ला दोनों को 2-2 वर्ष की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद अब्दुल्ला आजम की विधायकी भी चली गई थी।