श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर):
अमरनाथ यात्रा 2025 को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सख्त सुरक्षा कदम उठाते हुए एक बड़ा फैसला किया है। इस बार तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर सेवा की सुविधा नहीं मिलेगी। यात्रा के दोनों प्रमुख रूट्स — पहलगाम और बालटाल — को 1 जुलाई से 10 अगस्त तक 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित कर दिया गया है।
यह प्रतिबंध जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा गृह मंत्रालय के निर्देश और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के आदेश पर लगाया गया है। यह फैसला तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
हेलीकॉप्टर, ड्रोन और सभी उड़ने वाले यंत्र प्रतिबंधित
जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार,
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इस दौरान हेलीकॉप्टर, ड्रोन, गुब्बारे और अन्य मानव रहित हवाई यंत्रों का प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
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सिर्फ मरीजों की मेडिकल इमरजेंसी, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी उड़ानों को इस पाबंदी से छूट दी गई है।
3 जुलाई से शुरू होगी 38 दिवसीय अमरनाथ यात्रा
पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर, जो 3,880 मीटर की ऊंचाई पर दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित है, वहां के लिए 38 दिन की यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी।
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पहला जत्था 2 जुलाई को भगवती नगर, जम्मू से रवाना होगा
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उसी शाम तक तीर्थयात्री नुवान (पहलगाम) और बालटाल (सोनमर्ग) बेस कैंप पहुंचेंगे।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सांबा जिले समेत यात्रा रूटों पर बहुस्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।
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डीसी राजेश शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया
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एसएसपी वीरेंद्र सिंह मन्हास सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की
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22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी
आतंकी खतरे को देखते हुए फैसला
बीते वर्षों में अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले होते रहे हैं।
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2017 में हुए हमले में 8 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी
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सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस बार भी आतंकी खतरे की आशंका को नज़र में रखते हुए यह सख्त फैसला लिया गया है