नई दिल्ली:
पांच साल की उम्र में जब बच्चे किताबों से एबीसीडी सीखते हैं, उस उम्र में दिल्ली की नन्ही शतरंज स्टार आरिणी लाहोटी (Aarini Lahoty) ने कमाल कर दिखाया है। आरिणी ने शतरंज के तीनों फॉर्मेट — क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज — में FIDE रेटिंग हासिल कर भारत की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड बनाया है।
आरिणी लाहोटी की मौजूदा FIDE रेटिंग्स इस प्रकार हैं:
-
क्लासिकल: 1553
-
रैपिड: 1550
-
ब्लिट्ज: 1498
उध्रिति भट्टाचार्य का रिकॉर्ड तोड़ा
अगस्त 2025 में आरिणी ने यह बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्होंने इस रिकॉर्ड के साथ उध्रिति भट्टाचार्य का रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिया और भारत की सबसे कम उम्र की FIDE रेटेड महिला चेस प्लेयर बन गईं।
शुरुआत कैसे हुई?
आरिणी का जन्म 19 सितंबर 2019 को हुआ। महज दो साल की उम्र में जब बच्चे खिलौनों से खेलते हैं, तब आरिणी टीवी पर मैग्नस कार्लसन के मैच देखती थीं। इसी से उन्हें शतरंज से लगाव हुआ।
उनके पिता सुरेंद्र लाहोटी, जो खुद चेस प्लेयर और दिल्ली के ब्लूबेल्स स्कूल इंटरनेशनल में कोच हैं, आरिणी के पहले गुरु रहे। वह दिल्ली में IGSF Chess Academy भी चलाते हैं। सुरेंद्र लाहोटी ने हमेशा ध्यान रखा कि पढ़ाई, चेस, तैराकी और खेलों के बीच बैलेंस बना रहे ताकि आरिणी पर किसी तरह का दबाव न पड़े।
अब तक जीते 11 ट्रॉफियां
सिर्फ 5 साल की उम्र में आरिणी अब तक कई चैंपियनशिप खेल चुकी हैं। उन्होंने अंडर-7, अंडर-9 और अंडर-11 कैटेगरी में भाग लेकर 11 ट्रॉफियां और कई मेडल अपने नाम किए हैं।
पिता का सपना – भारत की सबसे कम उम्र की ग्रैंडमास्टर बनें आरिणी
TOI से बातचीत में सुरेंद्र लाहोटी ने बताया,
"जब वह सिर्फ एक साल की थी, तब खुद ही चेस की बिसात सजाने लगती थी। लॉकडाउन के दौरान उसने मुझे ऑनलाइन पढ़ाते हुए देखा और खुद ही मोहरों को लगाने लगी। हमारी इच्छा है कि वह भारत की सबसे कम उम्र की IM (इंटरनेशनल मास्टर) और GM (ग्रैंडमास्टर) बने और देश का नाम रोशन करे।"