अफगानिस्तान में सोमवार रात आए शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। सरकारी प्रसारक रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान (RTA) के अनुसार, अब तक करीब 600 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। तालिबान सरकार के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि दूर-दराज़ इलाकों में अभी भी बचाव अभियान जारी है और मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
तीन गांव पूरी तरह तबाह
सबसे ज्यादा नुकसान कुनार प्रांत में हुआ है, जहां नूरगल, चावके और वटापुर गांव पूरी तरह बर्बाद हो गए। पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में भी मिट्टी और पत्थर के बने कई घर जमींदोज़ हो गए हैं। स्थानीय बचाव दल मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं। अब तक किसी भी विदेशी सरकार की ओर से मदद नहीं पहुंची है।
USGS की रिपोर्ट
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, यह भूकंप 6.0 तीव्रता का था, जिसका केंद्र जलालाबाद से 27 किलोमीटर दूर और जमीन से 10 किलोमीटर गहराई में था। भूकंप के झटके काबुल और पड़ोसी देश पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भी महसूस किए गए। शुरुआती झटकों के बाद 30 मिनट के भीतर तीन से चार आफ्टरशॉक्स भी आए, जिनकी तीव्रता 4.0 से 5.0 के बीच थी।
बार-बार आने वाले भूकंपों से त्रस्त अफगानिस्तान
अफगानिस्तान भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में गिना जाता है। यह इलाका हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला के पास स्थित है, जहां यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं। इससे पहले साल 2023 में भी यहां 6.3 तीव्रता के भूकंप ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली थी।
मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पूर्वी प्रांतों में भारी नुकसान हुआ है और बचाव कार्य तेज़ी से जारी है। हालांकि दुर्गम इलाकों और कमजोर स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण राहत कार्यों में दिक्कत आ रही है।
👉 सोमवार का यह भूकंप पिछले दो सालों में इस क्षेत्र की सबसे भीषण आपदाओं में से एक साबित हुआ है।