हरियाणा के पलवल जिले से एक बार फिर पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने वसीम अकरम नाम के एक यूट्यूबर को गिरफ्तार किया है, जिस पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और उसके दूतावास के लिए जासूसी करने का आरोप है। यह गिरफ्तारी ज्योति मल्होत्रा केस के बाद दूसरी बड़ी कार्रवाई है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
तीन साल से पाक एजेंट्स के संपर्क में था यूट्यूबर
पलवल पुलिस के मुताबिक, वसीम अकरम पिछले तीन सालों से पाकिस्तानी एजेंट्स से संपर्क में था और उन्हें सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। पुलिस ने बताया कि अकरम के मोबाइल फोन से आपत्तिजनक व्हाट्सएप चैट्स बरामद हुई हैं, जिनमें कुछ डिलीट किए गए संदेश भी शामिल हैं। साइबर सेल अब उन संदेशों को रिकवर करने में जुटी है।
अधिकारियों ने बताया कि अकरम की गिरफ्तारी हाल ही में पकड़े गए एक अन्य पाकिस्तानी जासूस तौफीक से मिली जानकारी के आधार पर की गई। तौफीक को 26 सितंबर को पलवल जिले के अलीमेव गांव से गिरफ्तार किया गया था।
पाकिस्तान के एजेंट दानिश से हुई थी मुलाकात
पुलिस जांच में सामने आया है कि 2021 में वसीम अकरम ने पाकिस्तान का वीज़ा लेने के दौरान एक एजेंट दानिश से मुलाकात की थी। हालांकि उसका परिवार दावा कर रहा है कि उसने कभी पाकिस्तान की यात्रा नहीं की, लेकिन साइबर साक्ष्य और फोन रिकॉर्ड्स से उसके सीमा पार संपर्कों की पुष्टि हुई है।
क्राइम ब्रांच कर रही है गहन पूछताछ
पलवल एसपी वरुण सिंगला ने बताया कि अकरम और तौफीक दोनों को पुलिस रिमांड पर लेकर क्राइम ब्रांच की टीम पूछताछ कर रही है। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों आरोपी इंटरनेट कॉल्स के ज़रिए ISI और पाकिस्तान उच्चायोग से संपर्क में थे।
एसपी सिंगला ने बताया कि इस मामले की जांच पलवल क्राइम ब्रांच और अन्य सुरक्षा एजेंसियां मिलकर कर रही हैं। साथ ही इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को भी इस केस से संबंधित जानकारी साझा की गई है। अधिकारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
पहले भी राजस्थान से पकड़ा गया था ISI एजेंट
इससे पहले राजस्थान के जैसलमेर जिले में भी एक पाकिस्तानी जासूस हनीफ खान को CID इंटेलिजेंस ने गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप था कि उसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना की गोपनीय जानकारी ISI तक पहुंचाई थी।
संक्षेप में:
हरियाणा के पलवल से यूट्यूबर वसीम अकरम की गिरफ्तारी ने एक बार फिर पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क की सक्रियता को उजागर किया है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस मामले की हर कड़ी की जांच में जुटी हैं, ताकि सीमा पार से चल रहे जासूसी तंत्र को पूरी तरह बेनकाब किया जा सके।