गाजियाबाद।
यमुना और हिंडन नदी के बढ़ते जलस्तर के चलते गाजियाबाद जिले में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने एहतियातन 32 गांवों को अलर्ट पर रख दिया है और डूब क्षेत्र में बने अवैध निर्माणों को खाली करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि डूब क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधि, निर्माण या अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए, अन्यथा कोई भी जन-धन की हानि होने पर जिम्मेदार व्यक्ति स्वयं होगा।
खतरे की बड़ी वजहें:
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पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी
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यमुना और हिंडन नदी का लगातार बढ़ता जलस्तर
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डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण और अतिक्रमण
एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) पहले ही डूब क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी कर चुका है। बावजूद इसके, गाजियाबाद के यमुना और हिंडन के किनारे बसे कई गांवों ने न केवल आवासीय बल्कि व्यावसायिक निर्माण और स्कूल भी खड़े कर लिए हैं। यह क्षेत्र बाढ़ की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया है।
प्रभावित क्षेत्र:
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लोनी, अलीपुर, नवादा, बदरपुर, मीरपुर
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ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र
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यमुना और हिंडन किनारे के 32 गांव
वर्ष 2023 में अलीपुर पुस्ता टूटने से लोनी क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे, जिसमें 20 से अधिक कॉलोनियों में पानी भर गया था और भारी नुकसान हुआ था।
प्रशासन की चेतावनी:
दीपक मीणा, जिलाधिकारी, गाजियाबाद:
"सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि यमुना और हिंडन के डूब क्षेत्रों में मुनादी कराई जाए। अवैध निर्माण हटवाकर क्षेत्र खाली कराया जाए।"
राजकुमार वर्ण, अधिशासी अभियंता, सिंचाई निर्माण खंड:
"हिंडन और यमुना के डूब क्षेत्र में जलभराव का खतरा वास्तविक है। अतिक्रमण के कारण खतरा और भी बढ़ गया है। अलर्ट जारी कर दिया गया है।"