मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जब कांग्रेस विधायक और पूर्व स्पीकर नाना पटोले प्रश्नकाल के बाद किसानों के अपमान को लेकर कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे और भाजपा विधायक बबनराव लोनीकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम तक पहुंच गए। इस कार्रवाई के चलते उन्हें दिनभर के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।
प्रश्नकाल के समाप्त होते ही नाना पटोले ने आरोप लगाया कि मंत्री कोकाटे और विधायक लोनीकर ने किसानों के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए हैं। वह अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आसन के समीप जाकर उनसे जोरदार बहस करते दिखाई दिए। हालात बिगड़ते देख सदन की कार्यवाही को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन दोबारा शुरू होने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नाना पटोले की कड़ी आलोचना की और कहा कि,
"विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष से इस तरह के आक्रामक व्यवहार की उम्मीद नहीं थी। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।"
हालांकि, पटोले ने अपनी बात पर अडिग रहते हुए एक बार फिर पोडियम की ओर बढ़ते हुए दोहराया कि किसानों के अपमान पर जवाबदेही तय होनी चाहिए। इसके बाद अध्यक्ष नार्वेकर ने उन्हें पूरे दिन के लिए सदन से निलंबित करने की घोषणा की।
क्या कहा था नेताओं ने?
भाजपा विधायक बबनराव लोनीकर ने हाल ही में जालना जिले की एक सभा में कहा था,
“जो लोग सरकार की आलोचना करते हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि उन्हें कपड़े, जूते, मोबाइल और बुवाई के पैसे हमारी वजह से मिल रहे हैं।”
वहीं, कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने दावा किया था कि किसानों ने कर्ज माफी की राशि शादियों पर खर्च कर दी। उन्होंने यह भी कहा,
“एक रुपया तो भिखारी भी नहीं लेता, लेकिन सरकार उसी राशि में फसल बीमा दे रही है।”
पटोले का पलटवार
मीडिया से बात करते हुए नाना पटोले ने कहा,
“आज किसान दिवस है और सरकार के मंत्री किसानों के साथ भिखारियों जैसा व्यवहार कर रहे हैं। किसानों के हक में बोलने वालों को सदन से बाहर निकाल दिया जाता है, जबकि उनका अपमान करने वालों को संरक्षण दिया जाता है। बेमौसम बारिश से किसान त्रस्त हैं, लेकिन सरकार ने कोई मदद नहीं की। फसल बीमा योजना भी लगभग समाप्त कर दी गई है।”
मुख्य बिंदु:
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किसानों के अपमान पर नाना पटोले ने सदन में विरोध दर्ज कराया
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पोडियम तक पहुंचने पर दिनभर के लिए निलंबन
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फडणवीस ने की आलोचना, माफी की मांग
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भाजपा नेताओं के बयानों पर मचा राजनीतिक बवाल
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कांग्रेस ने कहा – किसान विरोधियों को संरक्षण, आवाज उठाने वालों को निलंबन