उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में दो अहम फैसलों को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई इस बैठक में जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून को और सख्त बनाने तथा अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण देने पर सहमति बनी।
जबरन धर्मांतरण कानून में सख्ती
कैबिनेट ने जबरन धर्मांतरण रोकथाम कानून में संशोधन विधेयक को मंजूरी दी। अब इस कानून के तहत सजा 10 साल से बढ़ाकर 14 साल कर दी जाएगी, जबकि कुछ गंभीर मामलों में यह 20 साल तक हो सकती है। जुर्माने की राशि भी 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। यह विधेयक 19 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।
अग्निवीरों को मिलेगा 10% क्षैतिज आरक्षण
सेना में अग्निपथ योजना के तहत सेवाएं देकर लौटने वाले अग्निवीरों को अब उत्तराखंड की सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलेगा। यह सुविधा समूह 'ग' श्रेणी के वर्दीधारी पदों की भर्ती में लागू होगी। आरक्षण का लाभ पाने के लिए उम्मीदवार का उत्तराखंड का मूल और स्थायी निवासी होना अनिवार्य होगा।
बैठक में कुल 26 प्रस्तावों पर चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका प्रभाव राज्य की सुरक्षा, सामाजिक व्यवस्था और युवाओं के भविष्य पर पड़ेगा।