वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला- स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। मंगलवार को ट्रंप ने मस्क पर सीधा हमला करते हुए कहा कि अगर मस्क को मिलने वाली सरकारी सब्सिडी बंद कर दी जाए, तो उन्हें अपनी कंपनियां बंद करके दक्षिण अफ्रीका लौटना पड़ सकता है।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों की सफलता के पीछे बड़ी मात्रा में दी गई सरकारी सहायता है। "अगर ये सब्सिडी बंद हो जाए, तो न कार बनेगी और न ही कोई सैटेलाइट लॉन्च होगा," उन्होंने कहा।
"सब्सिडी के बगैर मस्क कुछ नहीं" — ट्रंप का तंज
राष्ट्रपति ने मस्क को मिलने वाली सहायता को लेकर DoGE (Department of Government Efficiency) से जांच की मांग की है। ट्रंप का कहना है कि इससे देश के पैसे की बचत होगी और यह भी पता चलेगा कि एक कारोबारी को कितना अधिक सरकारी फायदा मिल रहा है।
उन्होंने यह भी दोहराया कि वे ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) मैंडेट के खिलाफ हैं। "मस्क को पहले से पता था कि मैं अनिवार्य ईवी खरीद को समर्थन नहीं देता। इलेक्ट्रिक कारें अच्छी हैं, लेकिन उन्हें हर किसी पर थोपना गलत है," ट्रंप ने कहा।
मस्क का पलटवार: "ट्रंप का बिल पागलपन है"
इससे पहले शनिवार को एलन मस्क ने ट्रंप के "बिग ब्यूटीफुल बिल" की तीखी आलोचना की थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “यह बिल अमेरिका में लाखों नौकरियां खत्म कर देगा और हमारी रणनीतिक ताकत को कमजोर करेगा।”
मस्क ने इसे "विनाशकारी और भविष्य विरोधी" कानून करार देते हुए कहा कि यह पुराने उद्योगों को संरक्षण देता है लेकिन नवाचार और टेक्नोलॉजी आधारित भविष्य के उद्योगों को नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने पिछले महीने ट्रंप प्रशासन में सरकारी दक्षता विभाग (Government Efficiency) के प्रमुख पद से इस्तीफा भी दे दिया था।
सीनेट में बिल पर बहस को मिली मंजूरी
अमेरिकी सीनेट ने ट्रंप के बिग ब्यूटीफुल बिल पर बहस की इजाजत दे दी है। शनिवार रात हुए मतदान में 51-49 के अंतर से प्रस्ताव पास हुआ। दो रिपब्लिकन सीनेटरों ने इसके खिलाफ मतदान किया।
मतदान के दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भी मौजूद रहे, क्योंकि टाई की स्थिति में उन्हें वोट डालना पड़ सकता था। ट्रंप इस बिल को 4 जुलाई से पहले पारित कराना चाहते हैं।
दो दिग्गजों की टकराहट: ट्रंप vs मस्क
ट्रंप और मस्क के बीच ये टकराव नया नहीं है। दो महीने पहले भी ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ को लेकर दोनों आमने-सामने आ चुके हैं। ट्रंप इस बिल को ‘देशभक्ति से प्रेरित’ बता रहे हैं, जबकि मस्क इसे “बेवजह की फिजूलखर्ची” करार दे चुके हैं।
ट्रंप ने कहा था, “जब मैंने EV मैंडेट वापस लिया तो मस्क को परेशानी होने लगी। मैंने उनकी बहुत मदद की, लेकिन अब वह पलट गए हैं।”
इस पर मस्क ने जवाब दिया था कि "अगर मैं न होता, तो ट्रंप चुनाव हार जाते।" उन्होंने ट्रंप को “एहसान फरामोश” तक कह दिया था और महाभियोग चलाने की वकालत की थी।
क्या ये जुबानी जंग चुनावी रणनीति है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप और मस्क की यह जुबानी जंग 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले की रणनीतिक स्थिति निर्धारण हो सकती है। एक तरफ मस्क भविष्यवादी नीतियों के पक्ष में खड़े हैं, जबकि ट्रंप पुरानी औद्योगिक संरचनाओं को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं।
अब देखना होगा कि यह टकराव किस हद तक बढ़ता है और इसका असर अमेरिकी राजनीति और टेक इंडस्ट्री पर क्या पड़ता है।