भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने अंगदान और देहदान को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक उदाहरणीय पहल की है। सरकार ने घोषणा की है कि देहदान अथवा अंगदान (हृदय, लीवर, गुर्दा आदि) करने वाले लोगों को अंतिम विदाई के समय गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके साथ ही, उनके परिजनों को 26 जनवरी और 15 अगस्त के सार्वजनिक समारोहों में सम्मानित किया जाएगा।
राज्य सरकार ने इसे न केवल एक मानवीय संवेदना की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम बताया है, बल्कि इसे "अमरत्व का सम्मान" करार दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जो व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद किसी अन्य को जीवन देने का कार्य करता है, वह समाज के लिए प्रेरणा स्रोत होता है और उसका सम्मान करना हमारा नैतिक दायित्व है।
"यह केवल दान नहीं, अमरता है"
सरकार का यह कदम समाज में अंगदान और देहदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। आमतौर पर लोग मृत्यु के बाद अपने अंग दान करने के निर्णय से कतराते हैं, लेकिन सरकार का यह सम्मानजनक दृष्टिकोण समाज की सोच में बदलाव ला सकता है।
राज्य सरकार की योजना के मुख्य बिंदु:
-
अंग या देहदान करने वाले व्यक्ति को अंतिम संस्कार से पहले राजकीय सम्मान (Guard of Honour)
-
उनके परिजनों को 26 जनवरी और 15 अगस्त को आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रमों में सार्वजनिक सम्मान
-
जिला स्तर पर भी किए जाएंगे सम्मान समारोह
-
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “मृत्यु के बाद जीवन देना कोई साधारण कार्य नहीं है। ऐसे महान लोगों को अंतिम विदाई में सम्मान देना हमारी जिम्मेदारी है।” उन्होंने यह भी कहा कि समाज को अंगदान के महत्व को समझाने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और पंचायतों में अभियान चलाया जाएगा।